
नई दिल्ली : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सोमवार को नई दिल्ली स्थित सहकारिता मंत्रालय में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक में सहकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर, श्री मुरलीधर मोहोल, तथा सहकारिता मंत्रालय, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, उपभोक्ता मंत्रालय, भारतीय खाद्य निगम (FCI), नाबार्ड, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) सहित कई संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।
सहकार से समृद्धि” के लक्ष्य की ओर महत्वपूर्ण कदम: अमित शाह
बैठक को संबोधित करते हुए श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “सहकार से समृद्धि” के विज़न को मूर्त रूप देने की दिशा में यह योजना एक ऐतिहासिक पहल है। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति को GDP और रोजगार सृजन जैसे दो प्रमुख मापदंडों से आंका जाता है, और यह अन्न भंडारण योजना दोनों को सशक्त बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएगी।
PACS को योजना का केंद्र बनाने पर ज़ोर
शाह ने कहा कि योजना के केंद्र में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को रखा जाना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने निर्देश दिए कि PACS को अधिक से अधिक गोदाम निर्माण एवं भंडारण ढांचे से जोड़ा जाए, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि और ग्रामीण स्तर पर रोजगार सृजन सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने FCI, NAFED, NCCF, और राज्य वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशनों को PACS से समन्वय बढ़ाने के लिए ठोस दिशा-निर्देश दिए।
राज्य सरकारों को सक्रिय भागीदारी के निर्देश
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य सरकारों को अपने-अपने स्तर पर अधिक से अधिक PACS को इस योजना में शामिल करना चाहिए। साथ ही, राज्य स्तरीय मार्केटिंग फेडरेशनों को भी इस आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनाया जाए, जिससे एक मजबूत सहकारी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित हो सके।
समन्वय और समयबद्ध क्रियान्वयन की अपील
अंत में शाह ने सभी संबंधित संगठनों से समन्वय के साथ योजना को समयबद्ध और प्रभावशाली ढंग से लागू करने की अपील की। उन्होंने इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘सहकार से समृद्धि’ के लक्ष्य की ओर एक मील का पत्थर बताया।
📌 यह योजना न केवल खाद्यान्न भंडारण को मजबूत करेगी बल्कि सहकारी समितियों के पुनरोत्थान और ग्रामीण भारत के विकास में भी क्रांतिकारी भूमिका निभाएगी।