
भुवनेश्वर/मयूरभंज: ओडिशा के मयूरभंज जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक सरकारी स्कूल की महिला टीचर ने महज इस वजह से 31 बच्चों की बेरहमी से पिटाई कर दी क्योंकि उन्होंने सुबह की प्रार्थना के बाद उनके पैर नहीं छुए। इस अमानवीय हरकत में दो बच्चे घायल भी हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पैर न छूने पर बरपी बेरहमी
मामला शनिवार, 13 सितंबर का है। जानकारी के मुताबिक, मॉर्निंग असेंबली के बाद बच्चे अपनी-अपनी क्लास में लौट रहे थे। इसी दौरान महिला टीचर ने पाया कि छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा के कुछ छात्रों ने उनके पैर नहीं छुए। बस इसी बात पर उनका गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने एक-एक कर सभी छात्रों को बेंत से पीटना शुरू कर दिया। इस दौरान कई बच्चों को चोटें आईं, जिनमें एक लड़का और एक लड़की की हालत ज्यादा खराब बताई गई है।
अभिभावकों का गुस्सा, अस्पताल में भर्ती छात्र
जैसे ही घटना की जानकारी छात्रों के परिजनों को मिली, वे गुस्साए अभिभावक सीधे स्कूल पहुँच गए और टीचर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगे। घायल छात्रों को तुरंत बेतनोती अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि दोनों बच्चे अब खतरे से बाहर हैं, लेकिन शारीरिक और मानसिक रूप से सदमे में हैं।
प्रशासन ने लिया संज्ञान, टीचर सस्पेंड
बेसिक शिक्षा अधिकारी (BEO) बिप्लब ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा,
“प्रधानाचार्य पूर्णचंद्र ओझा से जानकारी मिलते ही हम टीम के साथ स्कूल पहुँचे। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य और क्लस्टर रिसोर्स सेंटर कोऑर्डिनेटर (सीआरसीसी) देबाशीष साहू भी जांच में शामिल रहे। हमने घायल छात्रों से मुलाकात की और उनके बयान दर्ज किए।”
अधिकारी के मुताबिक, शुरुआती जांच में महिला टीचर दोषी पाई गई। इसके बाद तुरंत प्रभाव से उसे सस्पेंड कर दिया गया है। फिलहाल विभागीय जांच जारी है और आगे की कार्रवाई रिपोर्ट आने के बाद होगी।
सवालों के घेरे में शिक्षा व्यवस्था
इस घटना ने शिक्षा जगत को कटघरे में खड़ा कर दिया है। जहां एक तरफ टीचर्स को बच्चों के भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, वहीं दूसरी तरफ ऐसी घटनाएं गंभीर सवाल खड़े करती हैं। पैर न छूने जैसी परंपरागत प्रथाओं को लेकर हिंसा का यह मामला समाज में गुरु-शिष्य संबंधों की गरिमा को भी ठेस पहुँचाता है।



