
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को खेलो इंडिया बीच गेम्स को भारत के खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि यह आयोजन खेलों की ‘परिवर्तनकारी शक्ति’ को दर्शाता है। उन्होंने आयोजन स्थल के रूप में दीव के चयन की सराहना करते हुए इसे भारत की तटीय विरासत और फिटनेस संस्कृति का प्रतीक बताया।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “सूर्य, रेत और पानी का संगम एक उत्सव है, जहां शारीरिक चुनौती और प्रकृति का सौंदर्य एक साथ मिलता है।”
यह पहला अवसर है जब खेलो इंडिया के अंतर्गत बीच गेम्स का आयोजन किया जा रहा है। उद्घाटन समारोह का आयोजन दीव के घोघला बीच पर किया गया, जिसकी औपचारिक घोषणा केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने की।
🔹 मुख्य विशेषताएं:
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आयोजन अवधि: 19 से 24 मई 2025
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स्थान: दीव, दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन और दीव
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प्रतिभागी: 30+ राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के 1,350+ एथलीट
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खेल विधाएं: बीच सॉकर, वॉलीबॉल, सेपकटकरा, कबड्डी, पेनकसिलाट, ओपन वॉटर स्विमिंग
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प्रदर्शन खेल: मल्लखंब और रस्साकशी (बिना पदक)
उद्घाटन समारोह में भारत की सांस्कृतिक विविधता को पारंपरिक नृत्यों द्वारा दर्शाया गया। इस अवसर पर कई विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहे जिनमें श्री प्रफुल्ल पटेल (प्रशासक – दमन व दीव), श्री के. कैलाशनाथन (उपराज्यपाल – पुडुचेरी) तथा एडमिरल डी.के. जोशी (उपराज्यपाल – अंडमान व निकोबार) शामिल थे।
डॉ. मांडविया ने कहा कि यह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की बीच स्पोर्ट्स क्रांति की शुरुआत है। उन्होंने बताया कि खेलों को रोजगार से जोड़ने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है।
डॉ. मांडविया ने कहा, “जहां लहरें हैं, वहां जोश होना चाहिए; जहां रेत है, वहां आग होनी चाहिए — और खेलो इंडिया बीच गेम्स ने उस जोश को जगाया है।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में खेल पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त करने की दिशा में किए गए कार्यों को भी रेखांकित किया।