
मणिपुर में 3 मई से जातीय संघर्ष के कारण स्कूलों को बंद किया गया था. अब 5 जुलाई से 1 से लेकर 8वीं तक के स्कूलों को खोल दिया गया है. शिक्षा विभाग ने सोमवार को इस बाबत आदेश जारी किया था. शिक्षा विभाग का कहना है कि छात्रों के हित व कल्याण को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया है. गर्मियों की छुट्टियों के बाद स्कूल के खुलने से बच्चों के माता-पिता काफी खुश हैं. स्कूल खोले जाने को लेकर छात्रों ने खुशी जाहिर की है. बता दें कि स्कूलों द्वारा गर्मियों को छुट्टी को बढ़ाते हुए 4 मई से 4 जुलाई तक कर दिया गया था. क्योंकि मणिपुर इस दौरान हिंसा की चपेट में आ चुका था.
पहली से 8वीं तक की जिन स्कूलों को खोला गया है उनमें से कुल 4617 स्कूलों में से 96 स्कूलों को नहीं खोला जा सका है क्योंकि उन स्कूलों में मणिपुर हिंसा संबंधि राहत कैंप व अन्य चीजों की व्यवस्था की गई है. राज्य में हाल ही के हिंसा से विस्थापित छात्रों को नजदीकी स्कूलों में मुफ्त एडमिशन की अनुमति दी गई है. साथ ही स्कूल बदलवने का विकल्प चुनने वाले हिंसा प्रभावित छात्रों के लिए कक्षा 9 से 12वीं के लिए BoSEM/CoHSEM की पूर्व अनुमति की आवश्यकता में छूट दी गई है. BoSEM/CoHSEM के साथ पंजीकरण के अद्यतनीकरण के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा.
शिक्षा विभाग के समग्र शिक्षा मणिपुर द्वारा छात्रों को किताबों, अभ्यास पुस्तकें, पेन, पेंसिल, खेल सामग्री, स्कूल ड्रेस इत्यादि का वितरण किया गया. बता दें कि अबतक 27,629 पाठ्य पुस्तकें, 20,735 नोट बुक, 4955 पेंसिल, 3483 शार्पनर और इरेजर और 5171 के पेन छात्रों के बीच वितरित किया जा चुका है. साथ ही छात्रों के खेल कूद के लिए राहत शिविरों में फुटबॉल, कैरम बोर्ड, शतरंज और लूडो जैसे खेल की 1539 सामग्रिया वितरित की गई हैं.