
नई दिल्ली, 21 जून 2025 — देश की विमानन नियामक संस्था DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने एअर इंडिया पर कड़ी कार्रवाई करते हुए कंपनी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दिया है। इन अधिकारियों पर पायलटों की ड्यूटी शेड्यूलिंग में लापरवाही का आरोप है, जिससे उड़ान सुरक्षा के नियमों का गंभीर उल्लंघन हुआ।
DGCA ने अपनी जांच में पाया कि 16 और 17 मई 2025 को बेंगलुरु से लंदन (AI133) के लिए रवाना हुई एअर इंडिया की दो उड़ानों ने 10 घंटे की अधिकतम उड़ान समय सीमा का उल्लंघन किया। नियमों के अनुसार यह सीमा पार करना न केवल क्रू थकान से जुड़ा जोखिम है, बल्कि यह यात्रियों की सुरक्षा से भी खिलवाड़ माना गया।
DGCA ने एअर इंडिया के जवाबदेह प्रबंधक (Accountable Manager) को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 7 दिनों में जवाब मांगा है कि इस उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई क्यों न की जाए।
DGCA ने एअर इंडिया को निर्देश दिया है कि:
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तीनों संबंधित अधिकारियों को क्रू रोस्टरिंग और टाइम टेबल से जुड़ी जिम्मेदारियों से तत्काल हटाया जाए।
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इन पर आंतरिक अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए।
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10 दिनों के भीतर पूरी रिपोर्ट DGCA को सौंपी जाए।
विशेषज्ञों के मुताबिक, ड्यूटी सीमा पार करने से पायलटों की कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है, जिससे फ्लाइट सेफ्टी को गंभीर खतरा हो सकता है। यही कारण है कि DGCA ने इस मामले को “ऑपरेशनल सेफ्टी वॉयलेशन” मानते हुए कार्रवाई की।
DGCA के सूत्रों के अनुसार, यदि एअर इंडिया की जवाबदेही तय होती है और अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई जाती है तो लाइसेंस सस्पेंशन, जुर्माना या अन्य कठोर कदम भी उठाए जा सकते हैं।
DGCA का यह कदम यह दर्शाता है कि अब एविएशन सेक्टर में सेफ्टी नियमों की अनदेखी पर सख्ती की जा रही है। चाहे वह पायलट हो, अधिकारी हो या कोई बड़ी एयरलाइन — नियमों का उल्लंघन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।