
नई दिल्ली/वॉशिंगटन। एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के लिए शुक्रवार को बड़ी कामयाबी उस समय मिली जब उसे भारत में स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करने का आधिकारिक लाइसेंस मिल गया। दूरसंचार विभाग (DoT) से मिली इस मंजूरी के साथ अब भारत स्टारलिंक की कमर्शियल सेवाओं के लिए तैयार हो गया है।
भारत में पहले से ही यूटेलसैट वनवेब और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस इस क्षेत्र में सक्रिय हैं और अब स्टारलिंक तीसरी बड़ी कंपनी बन गई है जिसे देशभर में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा देने की अनुमति प्राप्त हुई है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, स्टारलिंक की सेवाएं उन इलाकों में बेहद लाभकारी होंगी जहां परंपरागत ब्रॉडबैंड नेटवर्क अब तक नहीं पहुंच पाया है – जैसे सीमावर्ती क्षेत्र, पर्वतीय गांव, सुदूर जनजातीय इलाके और गहरे जंगल।
स्टारलिंक इस समय अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, स्विट्ज़रलैंड और ऑस्ट्रेलिया समेत दर्जनों देशों में अपनी इंटरनेट सेवाएं दे रही है। कंपनी मार्च 2025 तक 18 अफ्रीकी देशों में भी अपनी सेवा शुरू कर चुकी है।
📍 यूके (ब्रिटेन):
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रेजिडेंशियल प्लान: £75 प्रति माह
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डिवाइस कीमत: £460,
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बिजनेस (प्रीमियम) प्लान: £150/माह (डिवाइस: £2410)
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RV (मोबाइल) प्लान: £95/माह
📍 अमेरिका:
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रेजिडेंशियल प्लान: $80 से $120 प्रति माह
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रोमिंग सेवा: $50 से $165/माह
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हार्डवेयर कीमत: $349 से शुरू, इंस्टॉलेशन चार्ज अलग
📍 जर्मनी और ऑस्ट्रिया:
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दोनों देशों में रेजिडेंशियल प्लान: €50 प्रति माह
📍 ऑस्ट्रेलिया:
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इंटरनेट प्लान: AU$139 प्रति माह
स्टारलिंक की वेबसाइट के अनुसार, सऊदी अरब, पाकिस्तान, यूएई, तुर्की, थाईलैंड और वियतनाम में सेवा शुरू करने की योजना है। वहीं, चीन, रूस, उत्तर कोरिया, ईरान, सीरिया, अफगानिस्तान और बेलारूस में सेवा देने की कोई योजना नहीं है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत जैसे विविध और विशाल देश में स्टारलिंक की एंट्री से डिजिटल डिवाइड खत्म करने में मदद मिलेगी। सरकारी योजनाएं, स्कूल, अस्पताल, आपदा प्रबंधन और ग्रामीण व्यापार में इंटरनेट की भूमिका बढ़ेगी।
अब देखना होगा कि स्टारलिंक भारत में कितने रुपए में सेवा देती है और उसका मुकाबला घरेलू खिलाड़ियों से किस तरह होता है।