
ऑर्टीफीशियल इंटेलीजेंस (AI) के इस दौर में ब्रिटेन दुनिया का पहला ‘AI सुरक्षा संस्थान’ को स्थापित करने जा रहा है। ब्रिटेन के PM ऋषि सुनक ने बृहस्पतिवार को स्वयं यह दावा किया है। उन्होंने कहा कि उनका देश कृत्रिम मेधा (एआई) के नए स्वरूपों के परीक्षण के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और यहीं दुनिया के पहले ‘एआई सुरक्षा संस्थान’ का मुख्यालय स्थापित किया जाएगा। भारतीय मूल के ब्रितानी नेता सुनक अगले सप्ताह पहले ‘वैश्विक एआइ सुरक्षा शिखर सम्मेलन’ की मेजबानी करेंगे। उन्होंने लंदन में कहा कि उनका मानना है कि AI जैसी प्रौद्योगिकियां ‘औद्योगिक क्रांति’ बिजली आने या इंटरनेट की खोज जितनी’’ ही परिवर्तनकारी साबित होंगी।
उन्होंने कहा कि लेकिन सकारात्मक पहलुओं के साथ साथ कृत्रिम मेधा ‘‘नए खतरे और नए डर’’ भी पैदा करती है, जिनसे सीधे तौर पर निपटे जाने की आवश्यकता है। सुनक ने कहा, ‘‘यदि इसका गलत इस्तेमाल हुआ, तो एआई रासायनिक या जैविक हथियार बनाना आसान कर सकती है। आतंकवादी संगठन और भी बड़े पैमाने पर आतंक फैलाने एवं विनाश करने के लिए एआई का इस्तेमाल कर सकते हैं। अपराधी साइबर हमलों, दुष्प्रचार, धोखाधड़ी या यहां तक कि बाल यौन शोषण के लिए भी एआई का उपयोग कर सकते हैं। ब्रिटेन के PM ने कहा कि जब इस प्रौद्योगिकी को विकसित करने वाले दिग्गज स्वयं इन जोखिमों के बारे में चेतावनी देते हैं, तो नेताओं की जिम्मेदारी है कि वे उन्हें गंभीरता से लें और कदम उठाएं।