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हिसार स्थित एनआरएफएमटीटीआई को ट्रैक्टर और कंबाइन हार्वेस्टर के सीएमवीआर परीक्षण की एनएबीएल मान्यता

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हिसार | उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान (एनआरएफएमटीटीआई), हिसार को अब कृषि ट्रैक्टरों और कंबाइन हार्वेस्टरों के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम (CMVR) परीक्षण हेतु राष्ट्रीय परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (NABL) से मान्यता प्राप्त हो गई है। इससे यह संस्थान उत्तर भारत में कृषि मशीनरी परीक्षण के क्षेत्र में और अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को तैयार है।

एनआरएफएमटीटीआई अब न केवल ट्रैक्टरों के प्रशिक्षण एवं परीक्षण का अग्रणी केंद्र है, बल्कि यह अब कंबाइन हार्वेस्टरों के परीक्षण के लिए भी अधिकृत एजेंसी बन गया है। इस मान्यता के साथ यह संस्थान कृषि ट्रैक्टर और फसल कटाई संबंधी मशीनों — विशेषकर कंबाइन हार्वेस्टर — के सीएमवीआर परीक्षणों के लिए एक एकीकृत और सुलभ केंद्र बन गया है।

इस नई सुविधा से उत्तर भारत के ट्रैक्टर और मशीनरी निर्माताओं को अपने उत्पादों के केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के अनुपालन हेतु दूरस्थ स्थानों पर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। हिसार में स्थित यह संस्थान अब नजदीक में ही उच्च स्तरीय परीक्षण सेवा प्रदान करेगा, जिससे समय और लागत दोनों की बचत होगी।

एनएबीएल मान्यता से एनआरएफएमटीटीआई द्वारा किए गए परीक्षण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त होंगे। इससे भारतीय मशीनरी उत्पादों की वैश्विक बाजारों में स्वीकार्यता और विश्वसनीयता को बल मिलेगा। साथ ही, यह देश की “मेक इन इंडिया” पहल को तकनीकी मजबूती भी प्रदान करेगा।

एनआरएफएमटीटीआई की यह उपलब्धि केंद्र सरकार की कृषि यंत्रीकरण और स्मार्ट एग्रीकल्चर की दिशा में उठाया गया एक अहम कदम माना जा रहा है। इस प्रकार के तकनीकी संस्थानों को सशक्त बनाकर भारत सरकार न केवल किसानों के लिए आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है, बल्कि स्वदेशी तकनीक को भी बढ़ावा दे रही है।

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