
कोलकाता – पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में राज्य में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। मुख्यमंत्री ने एक ओपन लेटर जारी कर आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस राज्य में सुनियोजित तरीके से हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं और विभाजनकारी राजनीति का सहारा ले रहे हैं।
ममता बनर्जी ने लिखा, “जहां भी बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा होती है, उसके पीछे भाजपा और आरएसएस का हाथ होता है। ये ताकतें दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पृष्ठभूमि का इस्तेमाल कर आम जनता को उकसाने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का काम कर रही हैं। राज्य के लोगों को इनके बहकावे में आने से बचना चाहिए।”
मुख्यमंत्री के इस बयान की पृष्ठभूमि में मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में हुई हिंसक घटनाएं हैं, जिनमें कई इलाकों में अशांति का माहौल बना हुआ है। शनिवार को राज्यपाल ने मुर्शिदाबाद का दौरा कर हिंसा प्रभावितों से मुलाकात की। इसी दिन राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की टीम भी जिला मुख्यालय पहुंची। हिंसा से प्रभावित कई महिलाओं ने प्रतिनिधिमंडल के सामने आंसू बहाते हुए स्थायी केंद्रीय बलों की तैनाती की गुहार लगाई।
एक महिला ने रोते हुए कहा, “हम बीएसएफ के स्थायी शिविरों के बिना नहीं जी सकते। अगर ज़रूरत पड़ी तो हम अपने घर और जमीन भी देने को तैयार हैं।” इस पर एनसीडब्ल्यू की सदस्य अर्चना मजूमदार ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPF) की स्थायी तैनाती आवश्यक है।
इस बीच, जिला प्रशासन ने हिंसा में हुए नुकसान की प्रारंभिक रिपोर्ट भी तैयार कर ली है। रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 250 से अधिक घरों और 100 दुकानों में तोड़फोड़ की पुष्टि हुई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह केवल प्रारंभिक अनुमान है और विस्तृत सर्वेक्षण के बाद यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
इस पूरे घटनाक्रम ने बंगाल की राजनीति में एक बार फिर से तीखी बयानबाजी को जन्म दे दिया है। ममता बनर्जी जहां भाजपा पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा रही हैं, वहीं भाजपा नेतृत्व इसे सियासी बचाव करार दे रहा है।