
दिल्ली: एन्टी करप्शन ब्यूरो ने कोरोना काल के दौरान 200 करोड़ रुपये के एक बड़े घोटाले का खुलासा किया है। इस घोटाले के आरोप में ACB ने एक रिटायर्ड एडीजी (PWD) और 2 प्राइवेट फर्म के मालिकों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने कोरोना के दौरान इन प्राइवेट फर्म को बिना काम किए और अधूरे काम के करोड़ों रुपये के फर्जी बिल पास किए हैं। प्राइवेट कंपनियों द्वारा लगाए गए बिलों में बड़े पैमाने पर अनियमितता देखी गईं हैं। पैसों के लालच ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने इन प्राइवेट फर्म के इन फर्जी बिलों को पास कर दिया है। दरअसल, कोविड के दौरान पीडब्ल्यूडी की तरफ से दिल्ली के 8 अस्पतालों को अलग-अलग काम के लिए टेंडर दिए गए हैं। दिल्ली के इन अस्पतालों में एलएनजेपी, जीटीबी, बीएसए, जीबी पंथ व अन्य शामिल हैं।
इन सभी में काम की एवज में इन प्राइवेट फर्म की तरफ से बड़ी संख्या के करोड़ों रुपये के फर्जी बिल लगाए गए, जिन्हें कमीशन के आधार पर सरकारी अधिकारियों ने पास कर दिया। गिरफ्तार आरोपी रिटायर्ड पीडब्ल्यूडी एडीजी अनिल कुमार आहूजा ने अपने कार्यकाल में 10 आरोपी कंपनियों में से 56 को गलत तरीके से टेंडर जारी किए हैं। ये तमाम कंपनियां और ठेकेदार काम के लिए खरीदे गए सामान के बिल मुहैया नहीं कर पाए। ये सभी बिल काम पूरा होने के 4 से 6 महीने बाद बनवाये गए। बाद में जांच के दौरान पता चला कि कंपनियों द्वारा जारी किये गए बिल फर्जी थे यानी दिए गए टेंडर के लिए सामान खरीदा ही नहीं गया था। जांच में पता चला कि टेंडर के नियमों और जीएसटी नॉर्म्स का उलंग्घन किया गया है।