
देहरादून : उत्तराखंड सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एक और बड़ी कार्रवाई सामने आई है। देहरादून के पटेलनगर थाना क्षेत्र स्थित आईएसबीटी चौकी के प्रभारी उपनिरीक्षक देवेंद्र खुगशाल को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
यह कार्रवाई मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड के संकल्प के तहत हुई है। मुख्यमंत्री धामी ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए स्पष्ट कहा कि, “जो भी अधिकारी या कर्मचारी जनता का शोषण करेगा, उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी।”
शिकायतकर्ता द्वारा सतर्कता अधिष्ठान को दी गई जानकारी के अनुसार, एक भूमि विवाद मामले की जांच चौकी प्रभारी के पास लंबित थी। आरोपी उपनिरीक्षक ने गैंगस्टर एक्ट लगाने की धमकी देकर 5 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। सतर्कता टीम ने शिकायत की पुष्टि के बाद गुप्त रूप से योजना बनाकर उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
मुख्यमंत्री धामी द्वारा शुरू किया गया 1064 विजिलेंस टोल फ्री नंबर अब भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता का एक सशक्त औजार बन चुका है। इसी माध्यम से आईएसबीटी चौकी प्रभारी की शिकायत दर्ज हुई थी, जिसके बाद सतर्कता विभाग हरकत में आया।
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में पिछले तीन वर्षों में 150 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को जेल भेजा जा चुका है। यह दर्शाता है कि राज्य सरकार जनता की शिकायतों को गंभीरता से ले रही है और भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जा रहा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा,
“उत्तराखंड सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के लिए प्रतिबद्ध है। जनता को न्याय दिलाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। चाहे वह कोई भी पद पर हो, यदि उसने जनता का शोषण किया है, तो उसके खिलाफ कठोरतम कानूनी कार्रवाई होगी।”