
गुवाहाटी : कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने आज राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 को संबोधित करते हुए कहा, “पूर्वोत्तर अब भारत के किनारे पर नहीं है, बल्कि यह भारत की विकास यात्रा का नया केंद्र बन चुका है।”
पूर्वोत्तर में आयोजित अब तक के सबसे बड़े निवेश संवाद में वैश्विक निवेशकों, नीति निर्माताओं और उद्यमियों को एक मंच मिला। मंत्री श्री चौधरी ने “शिक्षा से उद्यमिता” विषय पर विचार रखते हुए कहा कि इस क्षेत्र की 100% साक्षरता दर और युवाओं की नवाचार क्षमता देश के लिए प्रेरणा है।
उन्होंने बताया कि कौशल विकास मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (NCVET) के साथ मिलकर एक नया कार्यक्रम ‘SOAR‘ (AI तत्परता के लिए कौशल विकास) शुरू कर रहा है, जिससे युवाओं को एआई-संचालित भविष्य के लिए तैयार किया जाएगा।
श्री चौधरी ने असम के भाभेन्द्र मोहन बोरगोहेन और सुश्री मेरिना लाहिड़ी की सफलता की कहानियों को साझा करते हुए बताया कि कैसे स्थानीय स्तर पर एफपीओ के माध्यम से वे सैकड़ों किसानों और महिला कारीगरों के लिए आत्मनिर्भरता का मार्ग बना रहे हैं।
श्री चौधरी ने कहा, “पूर्वोत्तर बदलाव की प्रतीक्षा नहीं कर रहा, वह स्वयं उसका निर्माण कर रहा है। अब समय है कि देश और दुनिया इस ऊर्जा में निवेश करें।”
उद्यमिता से आत्मनिर्भर मंडप, जिसे कौशल विकास मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया, ने आठ प्रेरक उद्यमियों की कहानियों को मंच दिया। ये सभी कृषि-प्रसंस्करण से लेकर इको-टूरिज्म तक विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं और कौशल भारत की सफलता का प्रमाण हैं।
2015 से अब तक पूर्वोत्तर क्षेत्र में 49,000 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया और 3 लाख से अधिक को उद्यमिता सहायता दी गई, जिसमें 75% भागीदारी महिलाएं हैं।
राइजिंग नॉर्थईस्ट समिट 2025, पूर्वोत्तर राज्यों के लिए नीति, पूंजी और नवाचार के सम्मिलन का मंच बन रहा है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र को हरित, समावेशी और स्थायी विकास का इंजन बनाना है।