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Health- सावधान: अगर शरीर में दिखाई दें ये लक्षण तो हो सकता है ‘ब्रेन हेमरेज’

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हेल्थ डेस्क: ब्रेन शरीर का एक ऐसा भाग है जिसका डायरेक्ट कनेक्शन पूरी बॉडी से होता है. अगर इसमें जरा सी भी प्रॉबल्म्स हो जाए, तो इसका असर पूरी बॉडी पर पड़ सकता है. वैसे तो ब्रेन से जुड़ी कई सारी प्रॉबल्म्स होती हैं, लेकिन इनमें से जो सबसे खतरनाक और बड़ी प्रॉब्लम होती है वो है ब्रेन हेमरेज. इसे मानसिक दौरा यानी स्ट्रोक भी कहते हैं. यह समस्या दिमाग की धमनी फटने की वजह से होती है.

ब्रेन हेमरेज एक ऐसी स्थिति होती है, जो आर्टरी यानिकि हृदय से लेकर शरीर के अन्य हिस्सों में ब्लड पहुंचाने वाली नालियों के फटने की वजह से होता है. इस स्थिति में आसपास के टिश्यूज में ब्लीडिंग होने लगती है. ब्लीडिंग की वजह से दिमाग की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं. इससे दिमाग के कई हिस्सों को भी नुकसान पहुंचता है. चोट के साथ-साथ कुछ और स्थिति में ब्रेन हेमरेज की समस्या होती है. ब्लीडिंग की स्थिति को हेमरेज स्ट्रोक कहा जाता है. अगर साधारण शब्दों में दिमाग में नस फटना ही ब्रेन हेमरेज कहलाता है.

 

ब्रेन हेमरेज के कुछ कारण:-

ब्रेन हेमरेज मस्तिष्क के बाहर या अंदर खून की नलिकाएं फटने की वजह से होता है. चोट के अलावा कई तरह की शारीरिक स्थितियां इसके कारण बन सकती है. अलग-अलग उम्र के लोगों को अलग-अलग तरह के प्रभाव हो सकते हैं. आमतौर पर यह बीमारी उम्रदराज लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है. इसके ब्रेन हेमरेज के कुछ कारण इस प्रकार हैं:-

1-रक्त वाहिकाओं से संबंधित समस्याएं.
2-हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण.
3-मस्तिष्क का ट्यूमर.
4-लिवर की बीमारी.
5-गलत दवाइयों का सेवन.
6-हार्ट की बीमारी.
7-अधिक धूम्रपान.
8-ब्लड शुगर की समस्या.
9-सांस संबंधी समस्याएं.
10-सिर में चोट या चोट.
11-मस्तिष्क में धमनी विस्फार या मस्तिष्क की धमनियों में कमजोरी.
12-हाई ब्लड प्रेशर.

ब्रेन हेमरेज के लक्षण:-

ब्रेन हेमरेज के होने पर शरीर में कुछ सी‍रियस लक्षण दिखते हैं. इस के दौरान कई तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं. अगर समय पर इसकी पहचान हो जाती है तो बिना देर किए रोगी को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। इसके लक्षण इस प्रकार है.

1-शरीर का संतुलन या समन्वय न बन पाना.
2-भ्रम या चीजों को समझने में कठिनाई.
3-स्तब्धता, सुस्ती या बेहोशी.
4-झटके आना.
5-बात करने में दिक्कत या ठीक से बोल न पाना.
6-चलने फिरने में परेशानी.
7-अचानक गंभीर सिरदर्द.
8-नजर में दोष.
9-देखने की समस्या.
10-निगलने में कठिनाई.

 

ब्रेन हेमरेज का इलाज क्या है:-

ब्रेन हेमरेज का पता एमआरआई या सीटी स्केन करके लगाया जाता है. यदि स्थिति गंभीर है तो ब्रेन हेमरेज के इलाज के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है. दिमाग पर बन रहे प्रेशर को दूर करने के लिए ऑपरेशन किया जा सकता है. कई केस में खोपड़ी के इस हिस्से को हटाया भी जा सकता है. लेकिन अगर ये समस्या कम है तो दवाइयों के जरिए इसे ठीक किया जाता है नहीं तो सर्जरी की जरूरत पड़ती है. हालांकि यदि स्थिति गंभीर नहीं है तो डॉक्टर कुछ विशेष प्रकार की दवाएं दे सकते हैं. रोगियों को फिजिकल थेरपी, स्पीच थेरपी या आवश्यकतानुसार ऑक्यूपेशनल थेरपी दी जा सकती है.

 

ब्रेन हेमरेज से बचाव के उपाय:-

जिन लोगों को पहले ब्रेन हेमरेज या स्ट्रोक हो चुका है, उन्हें भविष्य में दूसरी बार भी इसका खतरा 25 फीसदी तक हो सकता है.
1-अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें.
2-खान-पान बेहतर रखना जरुरी है.
3-जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है उन्हें इसे कम करने के लिए आवश्यक उपाय करते रहने चाहिए.
4-सिर को किसी भी तरह से चोट से बचाकर रखें.
5-बाइक चलाते समय हेलमेट जरूर पहनें.

ये लेख विभिन्न मेडिकल रिपोर्टस के आधार पर लिखा गया है. इसका उद्देश्य सिर्फ पाठकों को इस गंभीर बीमारी के लिए जागरूक करना है. ब्रेन हेमरेज से आपको घबराने की ज़रूरत नहीं है. आप बस अच्छा खान-पान, नियमित योग, मेडिटेशन और अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित कर ब्रेन हेमरेज से बचाव कर सकते हैं. जरुरी नहीं है कि जिस व्यक्ति को ब्रेन हेमरेज हुआ है, वो मृत्यु का ही शिकार होगा. यदि समय पर इसका इलाज मिल जाए तो इससे बचा जा सकता है. अगर किसी को भी उपरोक्त लक्षणों के दिखाई देने पर तुरंत ही अपने डॉक्टर से जरुरी सलाह ले लेनी चाहिए.

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