
नैनीताल/देहरादून: उत्तराखंड बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग ने नैनीताल जिले और पछवादून में नाबालिग बालिकाओं के साथ हुई जघन्य घटनाओं पर तत्काल और कड़ा संज्ञान लिया है। नैनीताल में एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा मासूम बालिका के साथ की गई हैवानियत और देहरादून में एक अन्य नाबालिग से बलात्कार की सूचना ने आयोग को स्तब्ध कर दिया है। आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने इन घटनाओं को बाल अधिकारों का घोर उल्लंघन और मानवता को शर्मसार करने वाला अपराध बताया है।
डॉ. गीता खन्ना ने इन मामलों में आयोग द्वारा उठाए गए त्वरित कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि:-
- आयोग ने नैनीताल में पीड़ित बालिका के परिवार से तत्काल संपर्क स्थापित कर उनकी स्थिति जानी और उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।
- नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से दूरभाष पर वार्ता कर मामले की जांच तेज गति से करने, आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी और उस पर कठोरतम कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की गई है।
- जिला प्रशासन और बाल कल्याण समिति को निर्देश जारी किए गए हैं कि नैनीताल में पीड़िता को तत्काल आवश्यक चिकित्सकीय, मानसिक और विधिक सहायता प्रदान की जाए।
- आयोग स्वयं इन दोनों ही प्रकरणों की गहन निगरानी करेगा ताकि न्याय की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए और पीड़ितों के अधिकारों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
नैनीताल की घटना के संदर्भ में, डॉ. खन्ना ने बताया कि आरोपी एक 70 वर्षीय व्यक्ति है, जिसका बेटा सरकारी नौकरी में कार्यरत है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह अपराधी दो माह से बालिका के साथ ऐसा घिनौना कृत्य कर रहा था और 12 अप्रैल को उसने पुनः उसी अपराध को अंजाम दिया। बालिका भयभीत होने के कारण किसी को कुछ भी बताने में असमर्थ थी। 23 अप्रैल को जब बालिका की नानी को इस घटना की जानकारी मिली, तो उन्होंने लोगों से बात कर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया।
डॉ. गीता खन्ना ने इस पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के असामाजिक तत्व समाज में पल रहे हैं और इस उम्र में भी उनकी मानसिकता का स्तर अत्यंत निम्न है। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे अपराधी किससे प्रेरित हो रहे हैं। आयोग ने इस पहलू पर भी गहन जांच के आदेश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दिए हैं और कहा है कि मामले के हर पहलू की बारीकी से पड़ताल की जाए।
डॉ. खन्ना ने देहरादून में भी एक नाबालिग बालिका के साथ बलात्कार की सूचना मिलने और नैनीताल में एक युवती के साथ दुष्कर्म के मामले के प्रकाश में आने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं में धर्म विशेष के लोगों द्वारा निरंतर ऐसे अपराधों को अंजाम दिया जाना अत्यंत निंदनीय है।
आयोग अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने कहा “इस प्रकार की घटनाएँ स्पष्ट संकेत हैं कि बच्चों की सुरक्षा के लिए हमारे प्रयासों को और अधिक संगठित, कठोर और संवेदनशील बनाए जाने की आवश्यकता है। समाज, प्रशासन और सभी जिम्मेदार संस्थाओं को एकजुट होकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे राज्य में ऐसे जघन्य अपराधों के लिए कोई स्थान न रहे। बाल आयोग बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के साथ पूरी दृढ़ता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करता रहेगा”