
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी रणनीति बनाने में जुटा हुआ है. लेकिन सीट शेयरिंग पर अभी तक बात नहीं बन सकी है. आए दिन इस गठबंधन में दरार पड़ने की खबर सामने आ जाती है. अब पश्चिम बंगाल को लेकर कांग्रेस ने एक स्पेशल प्लान तैयार किया है. उसने उन सीटों का चुनाव किया है जहां उसे लग रहा है कि जीत आसानी से हासिल हो जाएगी. हालांकि ये प्लान टीएमसी को पसंद आएगा या नहीं ये देखने वाली बात होगी. कांग्रेस का दावा है कि पार्टी राज्य इकाइयों के साथ बातचीत खत्म हो गई है. सीट बंटवारे को केंद्रीय स्तर पर अंतिम रूप दिया जाएगा. 20 जनवरी तक सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस ने बंगाल में 12 सीटों की एक लिस्ट बनाई है, जहां वह जीत सकती है. इस लिस्ट को वह इंडिया गठबंधन के अन्य घटकों के साथ साझा करेगी और 5-8 सीटों की मांग करते हुए टीएमसी के साथ बातचीत शुरू करेगी. कांग्रेस से पूछा गया क्या वह सबसे पहले टीएमसी से बातचीत करेगी, इसके बाद सीपीएम के पास जाएगी? इसको लेकर कांग्रेस का कहना है कि हमने वीआईपी लेवल पर दोनों पक्षों के साथ अपने चैनल खुले रखे हुए हैं. वहीं, बंगाल में कांग्रेस उन सीटों पर इंडिया बनाम बीजेपी चाहती है जहां वह चुनाव लड़ेगी. हालांकि वह टीएमसी के साथ अपनी सीटों की संख्या पर बातचीत करेगी, लेकिन उसे उम्मीद है कि वामदल उन सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारेगा. कांग्रेस की गठबंधन समिति ने राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और टीएमसी के बीच ठनी हुई है. भले ही ममता बनर्जी इंडिया गठबंधन के मंच पर साथ दिखाई दे रही हों, लेकिन सूबे में दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है. वहीं अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि ममता बनर्जी खुद कह रही हैं कि वह गठबंधन करके चुनाव लड़ेंगी. उन्हें ममता बनर्जी की दया की जरूरत नहीं है. वह अपने दम पर चुनाव लड़ सकते हैं और कुछ भी कर सकते हैं. टीएमसी प्रमुख नहीं चाहती हैं कि गठबंधन हो. अगर गठबंधन नहीं होता है तो सबसे ज्यादा खुशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को होगी. ममता बनर्जी जो आज कर रही हैं वो मोदी जी के सेवा में लगी हुई हैं. अधीर रंजन चौधरी के इस बयान से राज्य में सियासी पारा चढ़ गया है.