
नई दिल्ली: लोकसभा ने बुधवार को ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को मंजूरी दे दी जिसमें संसद के निचले सदन और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है। इससे संबंधित ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर निचले सदन में करीब 8 घंटे की चर्चा और विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के जवाब के बाद मत विभाजन के जरिए इसे स्वीकृति दी गई। अब आज राज्यसभा में इस बिल पर बहस है। छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल ने कहा कि- ‘जो महिला आरक्षण बिल लाया गया है उसका कांग्रेस ने समर्थन किया है लेकिन इसे जनगणना और परिसीमन होने के बाद लागू किया जाएगा। इसमें वर्षों लग जाएंगे जबकि सोनिया गांधी ने स्पष्ट कहा कि इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। लेकिन हमें ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा। इसे 2024 के चुनाव में लागू किया जाना चाहिए’
#WATCH जो महिला आरक्षण बिल लाया गया है उसका कांग्रेस ने समर्थन किया है लेकिन इसे जनगणना और परिसीमन होने के बाद लागू किया जाएगा। इसमें वर्षों लग जाएंगे जबकि सोनिया गांधी ने स्पष्ट कहा कि इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। लेकिन हमें ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा। इसे 2024 के चुनाव… pic.twitter.com/nhIs382uwF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 21, 2023
बीजेपी की तरफ से राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा की कमान जेपी नड्डा और निर्मला सीतारमण संभालेंगे तो कांग्रेस की तरफ से रंजीत रंजन और रजनी पाटिल के साथ-साथ दूसरी महिला सांसदों के हाथ में बहस की कमान होगी। ये उम्मीद जताई जा रही है कि चर्चा के बाद ये बिल राज्यसभा में सर्वसम्मति से पास हो जाएगा। महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में सर्वसम्मति से पास हो सकता है। दरअसल, लोकसभा में बिल के पक्ष में 454 और विपक्ष में केवल 2 वोट पड़े थे और ये दोनों वोट AIMIM के सांसदों ने डाले थे। राज्यसभा में ओवैसी की पार्टी का कोई सांसद नहीं है, ऐसे में माना जा रहा है कि राज्यसभा में यह बिल सर्वसम्मति से पास होगा।