
नई दिल्ली: दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद प्रशासनिक अमले में बड़ा बदलाव किया गया है। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम व केंद्र शासित प्रदेश) कैडर के 41 आईएएस और 26 आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया है। यह हालिया वर्षों में सबसे बड़ा प्रशासनिक फेरबदल माना जा रहा है।
दिल्ली लौटे ‘आप’ सरकार के निशाने पर रहे अधिकारी
सत्ता परिवर्तन के बाद दिल्ली सरकार में पहले निशाने पर रहे दिलराज कौर और अरुण कुमार मिश्रा जैसे वरिष्ठ अधिकारी अब फिर से राजधानी में सेवा देंगे। भाजपा सरकार के आते ही इन अधिकारियों की वापसी को प्रशासनिक संतुलन मजबूत करने की रणनीति माना जा रहा है।
आईएएस अधिकारियों के प्रमुख तबादले
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आशीष चंद्र वर्मा (1994 बैच), अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त और राजस्व), को जम्मू-कश्मीर भेजा गया।
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अनिल कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव (पर्यावरण व वन), को भी जम्मू-कश्मीर स्थानांतरित किया गया।
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सुधीर कुमार, प्रमुख सचिव (सतर्कता), को मिजोरम स्थानांतरित किया गया।
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चंचल यादव (2008 बैच), विनोद कावले, और नवीन एस एल (2012 बैच) को दिल्ली से बाहर किया गया है।
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विजय कुमार बिधूड़ी (2005 बैच), जो वर्तमान में कश्मीर में मंडलायुक्त हैं, दिल्ली बुलाए गए हैं।
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दिलराज कौर (2000 बैच), अंडमान-निकोबार से दिल्ली में तैनात होंगी।
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अरुण कुमार मिश्रा (2012 बैच), गोवा से दिल्ली स्थानांतरित किए गए हैं।
इनके अतिरिक्त, कृष्ण कुमार सिंह, ए. नेदुनचेझियान, रमेश वर्मा, और पांडुरंग के पोले जैसे अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी दिल्ली में नई जिम्मेदारियां संभालेंगे।
आईपीएस अधिकारियों के भी व्यापक तबादले
दिल्ली पुलिस में भी 11 वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले किए गए हैं, जिनमें कई डिप्टी कमिश्नर रैंक के अधिकारी शामिल हैं:
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शंकर जायसवाल (2001 बैच), ज्वाइंट सीपी सेंट्रल रेंज, को लक्षद्वीप भेजा गया।
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केशव राम चौरसिया (2003 बैच) को गोवा, और अशोक मलिक (2009 बैच) को मिजोरम स्थानांतरित किया गया।
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देवेश कुमार महला, डीसी (नई दिल्ली), और सुरेंद्र चौधरी, डीसी (दक्षिण-पश्चिम), को अरुणाचल प्रदेश भेजा गया।
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अपूर्वा गुप्ता (2013 बैच की IAS) को अंडमान निकोबार स्थानांतरित किया गया है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और प्रशासनिक संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि यह तबादला सूची न केवल नई सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि प्रशासन में विश्वसनीयता और नियंत्रण स्थापित करने के लिए अनुभवी अफसरों को केंद्र में लाया जा रहा है। इसके अलावा, यह कदम लंबे समय से अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में तैनात अधिकारियों को नई जिम्मेदारियों से जोड़ने का भी संकेत है।