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हिमाचल में फिर कहर बरपाती बारिश, मंडी में लैंडस्लाइड से चंडीगढ़-मनाली हाईवे बंद, IMD का ऑरेंज अलर्ट जारी

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मंडी। हिमाचल प्रदेश में मानसून फिर भारी पड़ रहा है। लगातार हो रही बारिश और लैंडस्लाइड की घटनाओं ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मंडी जिले में बीती रात से जारी भारी बारिश के कारण चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-3) पंडोह के पास भूस्खलन की वजह से पूरी तरह बंद हो गया है।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के सात जिलों में अगले 72 घंटों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है और लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।


7 जिलों में ऑरेंज अलर्ट, भारी बारिश की चेतावनी

स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 21 से 23 जुलाई के बीच ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश, गरज और बिजली गिरने की आशंका है। रविवार को प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई।

24 घंटे में प्रमुख वर्षा आंकड़े:

  • मुरारी देवी – 58.6 मिमी
  • स्लैपर – 22.3 मिमी
  • हमीरपुर – 18.5 मिमी
  • कांगड़ा – 15.2 मिमी
  • धर्मशाला – 13.8 मिमी
  • मंडी – 12.4 मिमी
  • शिमला – 6 मिमी

लैंडस्लाइड से 150 से ज्यादा सड़कें ठप

राज्य में अब तक 150 से अधिक सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें एक नेशनल हाईवे भी शामिल है। भूस्खलन और सड़क कटाव के चलते कई ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क कट गया है। कुल्लू और शिमला जिलों में भी आवागमन बाधित है। राहत और बचाव टीमें लगातार काम में जुटी हैं, लेकिन खराब मौसम के चलते कार्यों में बाधा आ रही है।


मंडी में तबाही का मंजर, केंद्रीय टीम ने किया निरीक्षण

मंडी जिले में बारिश से हुई तबाही का जायजा लेने आई केंद्रीय आपदा मूल्यांकन टीम ने रविवार को अपना दौरा पूरा किया। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने जानकारी दी कि जून-जुलाई में आए बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में जिले में 15 लोगों की मौत, 27 लापता, 850 से अधिक मकानों को नुकसान और 850+ मवेशियों की मौत हुई थी।

टीम ने बगस्याड़, थुनाग, देजी, लंबाथाट, पांडव शिला और झेंजली क्षेत्रों का दौरा किया और जमीनी नुकसान का ब्यौरा इकट्ठा किया। हालांकि कई इलाकों तक सड़क संपर्क बाधित होने के कारण कुछ गांवों का निरीक्षण नहीं हो सका।


IMD की चेतावनी: अगले 72 घंटे सतर्क रहें

मौसम विभाग ने साफ कहा है कि आने वाले तीन दिन अत्यधिक संवेदनशील हैं। लोगों को नदियों-नालों के पास न जाने, पहाड़ी इलाकों में अनावश्यक यात्रा से बचने और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।

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