
नागपुर : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज महाराष्ट्र के नागपुर में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट परिसर में मरीजों और उनके परिजनों के लिए प्रस्तावित ‘स्वस्ति निवास’ का भूमि पूजन किया। इसके साथ ही उन्होंने नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के नागपुर कैंपस के स्थायी परिसर का भूमि पूजन और अस्थायी परिसर का ई-उद्घाटन भी किया।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
“सेवा का भाव ही इस संस्थान की नींव है” – अमित शाह
अपने संबोधन में अमित शाह ने नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की सराहना करते हुए कहा, “इस संस्थान की नींव सेवा भाव पर टिकी है। यहाँ कर्मठ लोगों ने इसे ‘वटवृक्ष’ की तरह सींचा है, जो आज हज़ारों कैंसर पीड़ितों को जीवनदान दे रहा है।” उन्होंने कहा कि भारत की पारिवारिक और सामाजिक संरचना को ध्यान में रखते हुए स्वस्ति निवास की संकल्पना एक नया मानक स्थापित करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि जहां पश्चिमी देशों में अस्पताल एक व्यवसायिक मॉडल है, वहीं भारत में रोगी और उसके परिवार के बीच भावनात्मक जुड़ाव होता है। “यह निवास व्यवस्था परिजनों को कम खर्च में रोगी के समीप रहने की सुविधा देगी, जिससे उनकी मानसिक और भावनात्मक स्थिति में सुधार होगा,” उन्होंने कहा।
कैंसर के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम
शाह ने चिंता जताई कि भारत में ओरल कैंसर के मामले सबसे अधिक हैं और सर्वाइकल कैंसर के कारण हर आठ मिनट में एक मौत होती है। उन्होंने कहा कि एक समय में कैंसर को लाइलाज माना जाता था, लेकिन अब देश में कई उत्कृष्ट कैंसर संस्थान स्थापित हो चुके हैं जो सुलभ और प्रभावी इलाज दे रहे हैं।
नागपुर स्थित यह कैंसर संस्थान मध्यप्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के गरीब और मध्यम वर्गीय मरीजों के लिए बड़ी राहत का केंद्र बनकर उभरा है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में मोदी सरकार के ऐतिहासिक बदलाव
शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वास्थ्य नीतियों की भी प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अब गरीबों को 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा है और राज्य सरकारों के सहयोग से यह सीमा 25 लाख तक पहुँचती है।
उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में अन्य उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया:
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एम्स की संख्या: 2014 में 7 थी, अब 23 हो चुकी है
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मेडिकल कॉलेज: 387 से बढ़कर 780
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एमबीबीएस सीटें: 51,000 से 1,18,000
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पीजी सीटें: 31,000 से 74,000
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स्वास्थ्य बजट: ₹37,000 करोड़ से बढ़कर ₹1,35,000 करोड़ (2025-26 तक)
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सस्ती दवा दुकानों की श्रृंखला के माध्यम से सालाना ₹10,000 करोड़ की बचत
समाज सेवा आधारित संस्थान ही असली रीढ़
अंत में अमित शाह ने कहा कि केवल सरकार के प्रयासों से देश स्वस्थ नहीं हो सकता। “ऐसे सेवा-आधारित संस्थान, जो समाज के प्रति समर्पित हैं, हमारे स्वास्थ्य क्षेत्र की असली रीढ़ हैं,” उन्होंने कहा। साथ ही, उन्होंने आभाजी थत्ते जी, पूज्य गुरुजी, और बाला साहब देवरस जी के योगदान को भी याद किया।
स्वास्थ्य और सेवा को मिलाकर बने नागपुर के नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट और स्वस्ति निवास आने वाले वर्षों में कैंसर मरीजों और उनके परिजनों के लिए आशा की किरण बनेंगे। देश के स्वास्थ्य ढांचे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो सुधार हुए हैं, वे इस संस्थान जैसे प्रयासों से और सशक्त होंगे।