
ऋषिकेश। तीर्थनगरी ऋषिकेश में अवैध शराब बिक्री और तस्करी के खिलाफ लोगों का गुस्सा सोमवार को सड़कों पर फूट पड़ा। बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने आईडीपीएल पुलिस चौकी का घेराव कर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आरोप लगाया कि शहर में खुलेआम अवैध रूप से शराब की बिक्री हो रही है, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को एक ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि शहर से अवैध शराब के धंधे को तत्काल रोका जाए। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई तो वे व्यापक जन आंदोलन छेड़ेंगे।
बार-बार उठता रहा है मुद्दा, लेकिन कार्रवाई नाकाफी
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह कोई पहली बार नहीं है जब उन्होंने इस विषय पर आवाज उठाई है। पूर्व में भी कई बार शराब माफियाओं की गतिविधियों के खिलाफ शिकायतें की गईं, लेकिन ठोस कार्रवाई के अभाव में अवैध बिक्री बदस्तूर जारी है।
स्थानीय निवासी सुरेश कुमार ने कहा, “ऋषिकेश जैसे धार्मिक शहर में इस तरह की गतिविधियाँ शर्मनाक हैं। हम अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।” प्रदर्शन में महिलाओं की भी बड़ी भागीदारी देखी गई, जिन्होंने अवैध शराब के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की।
पुलिस ने दिया कार्रवाई का भरोसा, सीओ मौके पर पहुंचे
स्थिति को गंभीर होता देख क्षेत्राधिकारी (सीओ) संदीप नेगी स्वयं आईडीपीएल चौकी पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। उन्होंने लोगों की भावनाओं को समझते हुए आश्वस्त किया कि अवैध शराब बिक्री और तस्करी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सीओ नेगी ने बताया, “कोतवाली और चौकी स्तर पर पहले से ही सख्त निर्देश दिए जा चुके हैं। अब इस दिशा में और प्रभावी कार्रवाई के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।”
जनता का चेतावनी भरा संदेश
हालांकि लोगों ने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ एक चेतावनी है और यदि आने वाले दिनों में हालात नहीं बदले, तो वे चुप नहीं बैठेंगे। प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि ऋषिकेश को नशामुक्त बनाए बिना वे चैन से नहीं बैठेंगे।
ऋषिकेश में अवैध शराब बिक्री एक लंबे समय से जारी चिंता का विषय रहा है। अब जब जनता ने मोर्चा खोल दिया है, यह देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस गंभीर मसले पर कितनी प्रभावी और पारदर्शी कार्रवाई करते हैं। तीर्थनगरी की गरिमा को बनाए रखने के लिए यह कार्रवाई अब अनिवार्य हो गई है।