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अतिवृष्टि से तबाह उत्तराखंड की सड़कें-पुल, धामी ने गडकरी से मांगी त्वरित मदद

उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र सहित कई जिलों में आपदा का कहर, मुख्यमंत्री बोले- केंद्र का सहयोग अत्यंत आवश्यक

नई दिल्ली, 22 अगस्त: उत्तराखंड में हाल ही में हुई अतिवृष्टि और आपदा ने प्रदेश के कई इलाकों में जनजीवन को प्रभावित किया है। भारी बारिश और भूस्खलन से कई सड़कें और पुल ध्वस्त हो गए हैं। इस गंभीर स्थिति को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित सहयोग की मांग की।


धराली क्षेत्र पर विशेष जोर

मुख्यमंत्री धामी ने विशेष रूप से उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र का उल्लेख किया, जहां अतिवृष्टि से सड़कों और पुलों को व्यापक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का सड़क नेटवर्क टूटा हुआ है जिससे स्थानीय लोगों की आवाजाही, आपूर्ति और राहत कार्यों में गंभीर बाधा आ रही है।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि इन सड़कों और पुलों के शीघ्र पुनर्निर्माण और मरम्मत के बिना सामान्य जीवन पटरी पर लौटना कठिन है।


अन्य जिलों में भी आपदा का असर

मुख्यमंत्री ने धराली क्षेत्र के अलावा पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी जैसे जिलों में भी सड़कों और पुलों को हुए नुकसान की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य में सड़कें केवल यातायात का साधन नहीं, बल्कि जीवन रेखा हैं।
अतिवृष्टि से ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क टूटा है और कई जगहों पर आपातकालीन सेवाएं, स्वास्थ्य सुविधाएं तथा आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हो रही है।


केंद्र से त्वरित सहयोग की मांग

मुख्यमंत्री धामी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों की मरम्मत व पुनर्निर्माण के लिए विशेष वित्तीय और तकनीकी सहयोग शीघ्र प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि समय रहते कदम उठाना जरूरी है ताकि आने वाले दिनों में पर्यटन सीजन और चारधाम यात्रा प्रभावित न हो।


केंद्रीय मंत्री का आश्वासन

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री धामी को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड जैसे आपदा-प्रवण राज्य की चुनौतियों को भलीभांति समझती है और आवश्यक योजनाओं व संसाधनों को प्राथमिकता से उपलब्ध कराया जाएगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तराखंड जैसी भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्यों में आपदा-रोधी ढांचे की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री की यह पहल केंद्र और राज्य के बीच समन्वय को मजबूत करेगी और आपदा प्रबंधन के प्रयासों को गति देगी।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि केंद्र की मदद से न केवल क्षतिग्रस्त सड़कें और पुल दुरुस्त होंगे, बल्कि भविष्य में भी ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए सतत और सुरक्षित बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा।

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