
नई दिल्ली :मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से नई दिल्ली में भेंट की। इस दौरान उत्तराखंड की सड़क एवं अधोसंरचना परियोजनाओं को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनसे राज्य की यातायात व्यवस्था, कनेक्टिविटी और पर्यटन विकास को नई गति मिलेगी।
चारधाम यात्रा और यातायात दबाव को देखते हुए लिया गया निर्णय
मुख्यमंत्री धामी ने बैठक में कहा कि चारधाम यात्रा में बढ़ती पर्यटकों की संख्या और राज्य की प्रमुख सड़कों पर यातायात दबाव को देखते हुए यातायात वहन क्षमता में वृद्धि और समुचित रखरखाव आज की प्राथमिक आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से शीघ्र स्वीकृति और सहायता की मांग की।
प्रमुख स्वीकृत परियोजनाएं और निर्णय
🔷 राष्ट्रीय राजमार्ग 07 पर 26 किमी एलिवेटेड रोड
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बिन्दाल और रिस्पना नदियों के किनारे निर्माण प्रस्तावित
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कुल लागत: ₹6164 करोड़
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राज्य सरकार करेगी भूमि अधिग्रहण और SGST/रॉयल्टी में छूट
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शेष धनराशि का वहन केंद्र सरकार द्वारा
🔷 पंतनगर एयरपोर्ट विस्तारीकरण से प्रभावित NH-109 का संशोधित संरेखण
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अतिरिक्त व्यय: ₹183 करोड़
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SGST छूट देगी राज्य सरकार, बाकी व्यय केंद्र सरकार वहन करेगा
🔷 खटीमा रिंग रोड का निर्माण NHAI द्वारा
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सीमांत क्षेत्र खटीमा में सुगम यातायात की दृष्टि से महत्वपूर्ण परियोजना
🔷 एनएच-507 (किमी 12 से 40) एवं एनएच-534 (किमी 157 से 175) का चौड़ीकरण
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बाड़वाला–कटापत्थर–लखवाड़ और दुगड्डा–गुमखाल मार्गों पर विस्तारीकरण को मिली स्वीकृति
🔷 ऋषिकेश बाईपास परियोजना (फेज-1)
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नेपाली फार्म से ढालवाला (10.88 किमी)
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लागत: ₹1546 करोड़
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राजाजी नेशनल पार्क सीमा के वैकल्पिक संरेखण पर निर्णय तीन माह में
🔷 केदारनाथ रोपवे परियोजना
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निर्माण एजेंसी: नेशनल हाईवेज एंड लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड
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निविदा स्वीकृति हेतु मुख्यमंत्री व केंद्र सरकार में विचार-विमर्श तय
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केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि (CRIF) से उत्तराखंड को Accrual के अनुसार धनराशि की प्रतिपूर्ति पर सहमति दी गई।
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इससे राज्य की अन्य लंबित परियोजनाओं को भी गति मिलने की संभावना है।
बैठक में केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, मंत्रालय के सचिव वी. उमाशंकर, NHAI के सदस्य विशाल चौहान, उत्तराखंड शासन के प्रमुख सचिव आर.के. सुधांश और आर. मीनाक्षी सुंदरम, तथा सचिव पंकज पाण्डेय शामिल रहे।
“उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य के लिए मजबूत और सुरक्षित सड़क नेटवर्क जीवन रेखा है। यह सहयोग राज्य की आर्थिक प्रगति, पर्यटन, और स्थानीय कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई देगा।”
इस बैठक में जो भी निर्णय लिए गए हैं, वे न केवल उत्तराखंड की भौगोलिक चुनौतियों को ध्यान में रखकर लिए गए हैं, बल्कि यह भी स्पष्ट करते हैं कि केंद्र और राज्य मिलकर राज्य को अधोसंरचना के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।