
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने ऋषिकेश को एक सुव्यवस्थित, सुविधायुक्त और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आकर्षक धार्मिक व पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के प्रयासों को और तेज़ कर दिया है। इसी क्रम में बुधवार को उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (UIIDB) की एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
बैठक का मुख्य उद्देश्य ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित 25 विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा और उनमें गति लाना था। इन परियोजनाओं में रिवर राफ्टिंग सुविधाओं का विकास, संजय झील का पुनर्विकास, घाटों का सौंदर्यीकरण, पार्किंग की व्यवस्था, सड़क चौड़ीकरण, पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस का आधुनिकीकरण, वाटर सप्लाई व सीवरेज नेटवर्क, स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जैसी आधारभूत सेवाएं शामिल हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि इन योजनाओं का उद्देश्य ऋषिकेश को एक ऐसी धार्मिक-पर्यटन नगरी के रूप में स्थापित करना है, जहां श्रद्धालुओं, पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों को सुगम आवागमन, सुरक्षित जल निकासी, साफ-सुथरा परिवेश और बेहतर यातायात व्यवस्था मिले। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि सभी निर्माण कार्य स्थानीय जरूरतों के अनुरूप और पूर्ण पारदर्शिता के साथ पूरे किए जाएं।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग को नदियों पर पुल निर्माण, सड़क चौड़ीकरण और क्रॉस रिवर कनेक्टिविटी से जुड़ी योजनाओं पर तत्काल कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, रिवर राफ्टिंग परियोजना को अंतरराष्ट्रीय स्तर का एडवेंचर स्पोर्ट्स सेंटर बनाने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कांवड़ यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन को और बेहतर बनाने के लिए देहरादून के माजरी ग्रांट से हरिद्वार के हरिपुर कलां को जोड़ने वाले वैकल्पिक मार्ग का विस्तृत अध्ययन कराया जाएगा। यह मार्ग भविष्य में यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि परियोजनाओं के डिजाइन से लेकर क्रियान्वयन तक हर स्तर पर ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे ऋषिकेश एक आधुनिक और सुनियोजित शहर के रूप में विकसित हो। उन्होंने सभी एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय बनाए रखने और समयबद्ध ढंग से कार्यों को पूरा करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव एल.एल. फैनई, आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, पंकज पांडेय, चंद्रेश यादव, वी. षणमुगम, डॉ. आर. राजेश कुमार और विनय शंकर पांडेय सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।