
उत्तरकाशी, 15 अगस्त 2025 (नेशनल डेस्क): उत्तराखण्ड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मौसम ने अचानक करवट ली है। उत्तरकाशी और हर्षिल में लगातार बारिश के बीच गंगोत्री और आसपास की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी दर्ज की गई है। बृहस्पतिवार को हर्षिल क्षेत्र के अवाना बुग्याल, गंगोत्री और लंका के पास की पहाड़ियों पर सफेद चादर बिछी देखी गई, जबकि निचले इलाकों में झमाझम बारिश का दौर जारी रहा।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी से नदी-नालों में आने वाले पानी का बहाव कम होने की संभावना है, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ के खतरे में कुछ हद तक कमी आ सकती है।
बारिश से तापमान में गिरावट
निचले इलाकों में हो रही लगातार बारिश ने तापमान में भी गिरावट ला दी है। उत्तरकाशी, हर्षिल और आसपास के क्षेत्रों में लोगों को अगस्त में ठिठुरन का एहसास हो रहा है। बारिश के चलते कई जगहों पर कीचड़ और जलभराव की स्थिति भी बन गई है, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, शुक्रवार को भी प्रदेश में तेज बारिश के आसार हैं। देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर और चंपावत जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन क्षेत्रों में बिजली गिरने और कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
इसके अलावा, 16 अगस्त को देहरादून, बागेश्वर और नैनीताल जिलों के कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने 18 अगस्त तक पूरे प्रदेश में तेज बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना व्यक्त की है।
स्थानीय प्रशासन की तैयारी
उत्तरकाशी और आसपास के इलाकों में प्रशासन ने राहत और बचाव दलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। संवेदनशील स्थानों पर एसडीआरएफ, पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें तैनात की गई हैं। साथ ही, चारधाम यात्रा मार्गों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है ताकि भूस्खलन या सड़क अवरोध की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
पर्यटकों को चेतावनी
गंगोत्री और हर्षिल क्षेत्र में बर्फबारी देखने के लिए आने वाले पर्यटकों को मौसम विभाग और प्रशासन ने सतर्क रहने की सलाह दी है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फिसलन, कम दृश्यता और अचानक मौसम खराब होने का खतरा बना रहता है। प्रशासन ने सलाह दी है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम पूर्वानुमान पर ध्यान दें।
कृषि पर असर
लगातार हो रही बारिश से खेतों में जलभराव हो रहा है, जिससे फसलों को नुकसान का खतरा है। विशेषकर सब्जियों और दलहनी फसलों में सड़न की समस्या उत्पन्न हो सकती है। कृषि विभाग ने किसानों को जलनिकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने और फसलों को बचाने के लिए आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी है।
आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण
विशेषज्ञों का मानना है कि अगस्त के मध्य में हो रही यह भारी बारिश और बर्फबारी जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को दर्शाती है। आने वाले दिनों में यदि बारिश का दौर इसी तरह जारी रहा, तो पहाड़ी और मैदानी दोनों क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की चुनौतियां बढ़ सकती हैं।



