
भुवनेश्वर: बिहार के भागलपुर के दो अलग-अलग परिवारों द्वारा एक शव को अपने रिश्तेदार होने का दावा करने के बाद यह निर्णय लिया गया. शव के क्षत-विक्षत अवस्था में होने के कारण उसकी पहचान कर पाना मुश्किल था. इसलिए ओडिशा सरकार ने शवों की पहचान को प्रमाणित करने और फर्जी दावेदारों से बचने के लिए सोमवार को कुछ संदिग्ध मामलों में शवों को वास्तविक रिश्तेदारों को सौंपने से पहले डीएनए नमूने लेना शुरू किया.
राज्य सरकार यह तय करने में असमर्थ हो गई कि शव किसे सौंपा जाए, जिसके बाद उसने दावेदारों का डीएनए नमूना लेने और ऐसे संदिग्ध मामलों में इसे एक सामान्य प्रक्रिया बनाने का फैसला किया. एक अधिकारी ने बताया, “डीएनए का मिलान होने पर ही हम शव सौंपेंगे. हमें संदेह है कि रेलवे और संबंधित राज्य सरकारों से मिलने वाले मुआवजे के कारण कुछ लोग शवों पर झूठे दावे कर सकते हैं.”
बता दें कि ओडिशा के बालासोर में हुए इस भीषण हादसे में मरने वालों की संख्या 278 तक पहुंच गई है. हादसे में गंभीर रूप से घायल तीन और लोगों की मौत हो गई. साथ ही काफी संख्या में लोग घायल हुए हैं.