
वॉशिंगटन : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला-स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क के बीच का तनाव अब सार्वजनिक टकराव में बदल चुका है। ट्रंप ने अपने हालिया साक्षात्कार में स्पष्ट रूप से कहा कि “मस्क के साथ मेरा रिश्ता अब खत्म हो गया है।” साथ ही चेतावनी भी दी कि यदि मस्क आगामी राष्ट्रपति चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन करते हैं, तो इसके बेहद गंभीर परिणाम होंगे।
“मैंने मस्क को कई मौके दिए थे”
इंटरव्यू के दौरान ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने अपने पहले राष्ट्रपति काल में मस्क को अनेक अवसर दिए। ट्रंप ने कहा,
“मैंने उन्हें राष्ट्रपति कार्यालय से पहले ही कई मौके दिए थे। पर अब यह रिश्ता समाप्त हो चुका है। मैं अब ज़्यादा महत्वपूर्ण मुद्दों में व्यस्त हूं।”
EV सब्सिडी और आदेश पर विवाद
मस्क और ट्रंप के बीच तकरार तब और बढ़ गई जब ट्रंप प्रशासन ने मस्क की कंपनियों को मिलने वाली इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सब्सिडी को खत्म करने की धमकी दी। ट्रंप ने कहा कि मस्क ने तब से आक्रामक रुख अपनाया है जब उन्होंने मस्क के हित में लाया गया एक EV संबंधी आदेश वापस ले लिया।
ट्रुथ सोशल पर सीधा हमला
कुछ दिन पहले ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर मस्क को “अहसान फरामोश” कहते हुए निशाने पर लिया था। उन्होंने कहा कि मस्क का गुस्सा इसलिए है क्योंकि उनकी कंपनियों को सरकारी राहत नहीं मिल रही।
मस्क का पलटवार: एपस्टीन फाइल में ट्रंप का नाम
इस पूरे विवाद में और भी सनसनी तब जुड़ गई जब एलन मस्क ने गुरुवार को सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया कि ट्रंप का नाम जेफरी एपस्टीन से जुड़ी विवादास्पद फाइलों में शामिल है। मस्क ने दावा किया कि
“इसी कारण ट्रंप प्रशासन एपस्टीन फाइल्स को सार्वजनिक नहीं कर रहा है।”
राजनीतिक हलचलों पर असर
यह टकराव अमेरिकी राजनीति में एक नया मोड़ ले सकता है, क्योंकि एलन मस्क अमेरिकी कॉर्पोरेट और तकनीकी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण आवाज़ हैं, जबकि ट्रंप एक बार फिर राष्ट्रपति चुनाव में दावेदारी ठोक चुके हैं।
अब सवाल यह है कि क्या एलन मस्क इस बार डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार का खुलकर समर्थन करेंगे? यदि हां, तो यह अमेरिका की चुनावी रणनीति को व्यापक रूप से प्रभावित कर सकता है।
यह राजनीतिक टकराव केवल दो व्यक्तित्वों के बीच का नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी, पॉलिटिक्स और नैतिक जिम्मेदारी के टकराव का प्रतीक बन सकता है। आने वाले दिनों में यह मसला अमेरिका और वैश्विक मीडिया में गहन चर्चा का केंद्र बन सकता है।