
नई दिल्ली, 24 अगस्त: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि देश में “वन नेशन, वन इलेक्शन” यानी लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने से लोकतंत्र और मजबूत होगा और मतदान प्रतिशत में भी वृद्धि होगी। दिल्ली में आयोजित व्यापारी उद्यमी संगठनों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अलग-अलग समय पर चुनाव कराने से मतदाताओं में थकान (Voter Fatigue) पैदा होती है, जिसका सीधा असर मतदान प्रतिशत पर पड़ता है।
एक साथ चुनाव से बढ़ेगा वोटिंग प्रतिशत
गोयल ने उदाहरण देते हुए कहा कि जिन राज्यों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते हैं, वहां वोटिंग परसेंटेज में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है। आंध्र प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम जैसे राज्यों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वहां मतदाताओं ने जब दोनों चुनाव एक साथ कराए गए, तो भारी उत्साह के साथ वोट डाला।
इसके विपरीत, जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव से अलग आयोजित किए गए, वहां वोटिंग प्रतिशत में स्पष्ट गिरावट दर्ज की गई।
Voter Fatigue की समस्या खत्म होगी
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “बार-बार वोट देने के कारण मतदाताओं में एक थकान (Voter Fatigue) आ जाती है। यह स्थिति मतदान प्रतिशत को प्रभावित करती है। ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से इस समस्या का समाधान संभव है और लोकतंत्र और मजबूत होगा।”
व्यापारियों को भी होगा लाभ
सम्मेलन में उपस्थित व्यापारी वर्ग को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि एक साथ चुनाव होने से देश की अर्थव्यवस्था और व्यापार को भी फायदा होगा। बार-बार चुनाव की प्रक्रिया से जहां सरकारी संसाधनों पर बोझ बढ़ता है, वहीं व्यापार जगत पर भी इसका असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान आचार संहिता लागू होने से कई निर्णय और विकास कार्य रुक जाते हैं। यदि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे तो यह रुकावट भी कम होगी और व्यापार जगत को स्थिर माहौल मिलेगा।
चुनावी खर्च में कमी और प्रशासनिक सुविधा
गोयल ने कहा कि “वन नेशन, वन इलेक्शन” व्यवस्था से देश में चुनावी खर्च भी घटेगा। बार-बार चुनाव कराने के कारण केंद्र और राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ता है, साथ ही सुरक्षा बलों और प्रशासनिक तंत्र को भी बार-बार चुनावी ड्यूटी पर लगाया जाता है। एक साथ चुनाव कराने से इन सभी समस्याओं से काफी हद तक निजात मिल सकती है।
जनहित में बड़ा कदम
उन्होंने जोर देकर कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव न सिर्फ मतदाताओं के उत्साह को बढ़ाएगा बल्कि देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी और अधिक प्रभावी एवं पारदर्शी बनाएगा। गोयल ने कहा कि जब देश एक साथ चुनाव की ओर बढ़ेगा तो यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा, जिसका फायदा आने वाली पीढ़ियों को मिलेगा।
सरकार कर रही है गंभीर मंथन
इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई वरिष्ठ नेता “वन नेशन, वन इलेक्शन” की आवश्यकता पर जोर दे चुके हैं। अब केंद्र सरकार इस पर गंभीर मंथन कर रही है। विशेषज्ञ समितियां इस व्यवस्था की व्यवहारिकता, संवैधानिक प्रावधानों और कानूनी पहलुओं पर अध्ययन कर रही हैं।