आज के भागदौड़ भरे इस दौर में हर कोई खुद को फिट रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। लेकिन इन सभी के बावजूद कुछ आधारभूत चीजों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है, ताकि आप सही मायनों में स्वस्थ रह सकें। आइए जानते हैं, फिटनेस के लिए किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है-
1 खुश रहना – यह बात बिल्कुल सही है, कि खुश रहने से आपकी स्वास्थ्य संबंधी आधी से ज्यादा परेशानियां यूंही दूर हो जाती है आप खुद के स्वस्थ रख्ने के लिए कितने भी जतन क्यों न कर रहे हों, लेकिन बगैर खुश रहे, आप बेहतर परिणाम नहीं प्राप्त कर सकते। खुश रहना स्वास्थ्य के लिए अमृत की तरह है। यदि आप हमेशा खुश रहते हैं, तो इससे तनाव और मानसिक तकलीफें आपकी लाइफ से दूर ही रहती है। एक कहावत तो सुनी ही होगी कि मन तंदुरूस्त तो मन भी तंदुरूस्त।
2 आत्मविश्वास – हमेशा अपने आत्मविश्वास को बनाए रखिए। आत्मविश्वास ही अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है। और इससे मन प्रसन्न होता है। आत्मविश्वास पूरी तरह स्वस्थ होने की निशानी है, इसे कभी कम न होने दें। सारी चिंताएं और समस्याएं आपके आत्मविश्वास के सामने घुटने टेकती हैं।
3 व्यायाम – आपकी दिनचर्या चाहे कुछ भी हो, लेकिन उसमें थोड़ा समय व्यायाम के लिए जरूर निकालें। कोशिश करें की सुबह की शुरूआत व्यायाम के साथ हो। इससे पूरे दिन आपके शरीर में उर्जा का संचार बना और आपके स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह बेहद फायदेमंद है। इसके अलावा माटापे के लिए भी व्यायाम कारगर साबित होगा, और अन्य बीमारियां भी नहीं घेरेंगी।
4 खान पान – अच्छे स्वास्थ्य के लिए खानपान पर ध्यान देना अति आवश्यक है।सही और संतुलित आहार स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डालता है। भले ही आप कोई डायट चार्ट फॉलो कर रहे हों, लेकिन उसमें इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आप जो भी खा रहें हैं वह ताज़ा हो।खान पान के मामले में यह जरूरी है कि शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति हो रही हो। इसके अलावा भारी भोजन लेने के बजाए हल्का और उर्जा से भरपूर भोजन लें।
5 नींद – भागदौड़ भरी जिंदगी में इतनी व्यस्तता है कि कई बार काम ज्यादा होते हैं, और वक्त कम। ऐसे में हम रात के वक्त ज्यादा देर तक जागकर उन कामों को पूरा र ने का प्रयास करते हैं, ओर अगले दिन फिर उसी दिनचर्या के तहत जल्दी उठ जाते हैं। इस तरह से नींद पूरी नहीं हो पाती और उसका असर आपके स्वस्थ्य पर सीधे तौर पर दिखाई देता है। नींद पूरी नहीं होने पर दिमाग पूरी सक्रियता से काम नहीं कर पाता, क्योंकि न तो आपने शरीर को आराम दिया, न मस्तिष्क को। इससे आपकी शारीरिक और मानसिक कार्यक्षमता और स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।