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ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में 25 घंटे की चर्चा तय, विपक्ष ने करी प्रधानमंत्री की उपस्थिति की मांग

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नई दिल्ली, 21 जुलाई: लोकसभा और राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर अगले सप्ताह व्यापक चर्चा की संभावना है। केंद्र सरकार ने चर्चा के लिए अपनी सहमति दे दी है, जिसके तहत लोकसभा में 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे यानी कुल 25 घंटे तक इस मुद्दे पर बहस प्रस्तावित है।

विपक्षी दलों ने इस चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री और गृहमंत्री की सदन में उपस्थिति की मांग की है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री इस सप्ताह विदेश दौरे पर हैं और अगले सप्ताह सदन में मौजूद रह सकते हैं।


विपक्ष की मांग: इस सप्ताह हो चर्चा

विपक्ष का कहना है कि चर्चा को इसी सप्ताह रखा जाना चाहिए। इसी मांग को लेकर बुधवार को पहलगाम हमले के मुद्दे पर विपक्ष ने सदन में हंगामा किया था। जवाब में सरकार ने दोहराया कि वह किसी भी समय चर्चा के लिए तैयार है।


अन्य विधायी कार्यों का समय भी निर्धारित

संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा साझा की गई चर्चा की रूपरेखा के मुताबिक:

  • ऑपरेशन सिंदूर: 25 घंटे
  • इनकम टैक्स संशोधन विधेयक: 12 घंटे
  • राष्ट्रीय खेल विधेयक: 8 घंटे
  • मणिपुर बजट प्रस्ताव: 2 घंटे

बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में यह तय किया गया कि इन सभी विषयों पर चर्चा अगले सप्ताह मानसून सत्र के दौरान होगी।


पीएम मोदी ने बताया ‘विजय उत्सव’

सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा,

“यह मानसून सत्र एक विजय उत्सव है। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत का झंडा फहराया जाना प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव का क्षण है। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने 100% लक्ष्य हासिल किया। आतंक के आकाओं के घरों को 22 मिनट में जमींदोज कर दिया गया।”


‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारत की रक्षा नीति में एक अहम सैन्य कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। इसे लेकर देशभर में राजनीतिक, सामरिक और सामाजिक स्तर पर गहन चर्चा चल रही है। संसद में इस पर होने वाली 25 घंटे की बहस के दौरान कई अहम मुद्दों और रणनीतिक फैसलों पर रोशनी पड़ने की उम्मीद है।

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