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उत्तराखंड: UCC विधेयक को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी, मुख्यमंत्री धामी ने जताया आभार

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पर राष्ट्रपति की मुहर लगने पर प्रसन्नता जताई है. मुख्यमंत्री धामी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आभार जताया है. इसी के साथ उन्होंने कहा कि जल्द राज्य में इस कानून को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा. राष्ट्रपति भवन से सूचना मिलते ही राज्य सरकार की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. अब नियमावली बनते ही उत्तराखंड यूसीसी कानून को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा. उत्तराखंड विधानसभा में 7 फरवरी को यूसीसी विधयेक को मंजूरी दी गई थी. चूंकि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 44 के अधीन था, इसलिए इस विधेयक को कानून के रूप में लागू करने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी थी. सरकार ने यह विधेयक राज्यपाल को भेजा और राज्यपाल ने संविधान के प्रावधानों के चलते राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजा. जिसके बाद राष्ट्रपति ने अपनी मुहर लगा दी.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “हम सभी प्रदेशवासियों के लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का क्षण है कि हमारी सरकार द्वारा उत्तराखंड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने अपनी मंजूरी प्रदान की है. निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी. प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करते हुए समरसता को बढ़ावा देने में यूसीसी कानून अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप हमारी सरकार नागरिकों के हितों के संरक्षण और उत्तराखंड के मूल स्वरुप को बनाए रखने के लिए संकल्पित है. उन्होंने कहा कि जल्द कानून लागू करने के लिए नियामवली को मंजूरी देकर कानून को सख्ती से राज्य में लागू किया जाएगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डेढ साल पहले सरकार बनने पर जनता के सामने राज्य में यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लागू करने का संकल्प लिया था. सरकार बनी तो मुख्यमंत्री धामी ने सबसे पहली कैबिनेट में यूसीसी का प्रस्ताव रखा. इसके बाद कानून विशेषज्ञों की कमेटी गठित कर यूसीसी पर लगातार बैठकें, जनता के सुझाव लेकर 7 फरवरी को विधानसभा में विधेयक पर चर्चा करने के बाद मंजूरी दी.

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