
देहरादून | 05 जुलाई 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर देहरादून जिला प्रशासन ने राशन कार्ड और आयुष्मान भारत कार्ड फर्जीवाड़े में संलिप्त माफियाओं पर शिकंजा कसते हुए इतिहास रच दिया है। राज्य में यह पहली बार है जब इस स्तर पर संगठित जालसाजी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई की गई है।
जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर की गई जांच में सामने आया कि 136,676 निष्क्रिय राशन कार्डों से 9,428 आयुष्मान कार्ड बनाए गए थे। इसके अतिरिक्त 3,323 राशन कार्ड भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाए गए पाए गए। जांच पूरी होने के बाद प्रशासन ने नगर कोतवाली और राजपुर थाने में संबंधित धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कर दी है।
नजीर बनती कार्रवाई, गिरोहों पर टेढ़ी नजर
प्रशासन ने न सिर्फ इन कार्डों को रद्द किया, बल्कि यह भी संकेत दिया है कि इसमें संगठित माफिया गिरोह सक्रिय हैं, जो अपात्र व्यक्तियों के नाम पर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का प्रयास कर रहे थे। डीएम ने स्पष्ट किया कि “जनता के हक पर डाका डालने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”
सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बने राशन कार्ड धारकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 336(2) व 336(3) के तहत मुकदमा थाना कोतवाली नगर में दर्ज किया गया है। वहीं फर्जी आयुष्मान कार्ड मामले में राजपुर थाना में धारा 318(4) के तहत केस दर्ज कर गिरोह की तलाश शुरू कर दी गई है।
जांच जारी, और खुलासों की उम्मीद
जिला पूर्ति विभाग और स्वास्थ्य एजेंसियों के तालमेल से 9428 आयुष्मान कार्ड पहले ही निष्क्रिय किए जा चुके हैं। इस पूरे मामले की गहन जांच अब भी जारी है और अधिकारियों को विश्वास है कि इसमें अधिक संख्या में फर्जीवाड़े उजागर हो सकते हैं।
आंकड़ों में देखें कितनी बड़ी है ये कार्रवाई:
विवरण | संख्या |
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कुल राशन कार्ड (जनपद में) | 3,87,954 |
सत्यापित राशन कार्ड | 75,576 |
निरस्त राशन कार्ड | 3,323 |
निष्क्रिय राशन कार्ड | 1,36,676 |
इनसे बने आयुष्मान कार्ड | 9,428 |
निरस्त किए गए आयुष्मान कार्ड | 9,428 |
- जिला प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि जनहित योजनाओं में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देहरादून में उठाया गया यह कदम अन्य जिलों के लिए भी एक सख्त और प्रेरक उदाहरण बनकर उभरा है।