
नई दिल्ली/इस्लामाबाद : पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों में शामिल अबू सैफुल्लाह को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी। घटना रविवार को मतली फलकारा चौक के पास हुई, जहां हमलावरों ने उसे निशाना बनाया। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। सैफुल्लाह, लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा था और भारत में कई बड़े आतंकी हमलों में उसकी भूमिका रही है।
सैफुल्लाह का असली नाम रजुल्लाह निज़ामनी था। वह लंबे समय तक नेपाल में लश्कर-ए-तैयबा का नेटवर्क चला रहा था। उसकी भूमिका भारत में आतंकियों की घुसपैठ करवाने और आर्थिक संसाधन जुटाने की थी। नेपाल से फरार होकर वह पाकिस्तान में छिपा हुआ था।
सूत्रों के अनुसार अबू सैफुल्लाह भारत में हुए कई आतंकी हमलों का साजिशकर्ता और सहभागी रहा है:
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2006: नागपुर में आरएसएस मुख्यालय पर हमले में शामिल
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2008: उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित सीआरपीएफ कैंप पर हमले का आरोपी
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IISC बेंगलुरु: प्रतिष्ठित संस्थान पर हमले की साजिश में नाम शामिल
वह लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर आजम चीमा उर्फ बाबाजी का करीबी सहयोगी था और भारत की खुफिया एजेंसियों की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था।
पाकिस्तानी मीडिया में आई रिपोर्ट्स के अनुसार, सैफुल्लाह को रविवार सुबह मतली फलकारा चौक पर अज्ञात लोगों ने गोली मार दी। हमलावर मौके से फरार हो गए। अब तक किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है और न ही पाकिस्तान सरकार की ओर से आधिकारिक बयान आया है।
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मृत आतंकी: रजुल्लाह निज़ामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह
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संगठन: लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा
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घटना: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अज्ञात हमलावरों ने मारा
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भारत में आरोप: RSS मुख्यालय, CRPF कैंप व IISC हमलों में संलिप्त
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पिछला ठिकाना: नेपाल (जहाँ से भारत में आतंकी घुसपैठ कराता था)