देशफीचर्ड

नाराज़गी खत्म: मायावती ने आकाश आनंद को सौंपी बड़ी ज़िम्मेदारी, बनाए गए BSP के चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर

आकाश आनंद से नाराज़गी के चलते मायावती ने BSP से उन्हें निकाला दिया था. माफी मांगने पर मायावती ने उन्हें माफ कर पार्टी में दोबारा वापसी कराई. अब आकाश को चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर की नई जिम्मेदारी सौंपी गई है.

खबर को सुने

नई दिल्ली : बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को एक बार फिर पार्टी में बड़ी भूमिका देकर यह स्पष्ट संकेत दिया है कि अब परिवारिक और संगठनात्मक मतभेदों पर विराम लग चुका है। रविवार को दिल्ली में आयोजित BSP की ऑल इंडिया मीटिंग में आकाश आनंद को चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया।

BSP की ऑल इंडिया मीटिंग में ऐलान

नई दिल्ली स्थित 29, लोधी एस्टेट पर BSP के केंद्रीय कार्यालय में हुई इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, राज्यस्तरीय पदाधिकारियों और देशभर से आए प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। पार्टी की प्रेसिडेंट मायावती ने खुद इस निर्णय की जानकारी दी और X (पूर्व ट्विटर) पर प्रेस नोट साझा किया।

प्रेस नोट में कहा गया:

“बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी ने पूरे देश भर से आए हुए पार्टी के लोगों की सहमति से श्री आकाश आनंद को पार्टी का मुख्य नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया तथा उन्हें देश में पार्टी के आगे के कार्यक्रम भी दिये गये…”

मायावती ने उम्मीद जताई कि आकाश आनंद इस बार पूरी सावधानी बरतते हुए पार्टी और आंदोलन को मज़बूती प्रदान करेंगे।

BSP ने संगठनात्मक ढांचे को और स्पष्ट करते हुए तीन अन्य नेशनल कोऑर्डिनेटर की भी घोषणा की:

  1. रामजी गौतम – राज्यसभा सांसद, बिहार प्रभारी

  2. रणधीर बेनीवाल

  3. राजा राम

इन सभी कोऑर्डिनेटरों के ऊपर चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर के तौर पर आकाश आनंद की निगरानी और नेतृत्व रहेगा।

  • 3 मार्च 2025: आकाश आनंद को BSP से बाहर किया गया था।
    आरोप: सांप्रदायिक बयानबाज़ी, पार्टी की परंपरा को चुनौती देना, और अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में काम करना।

  • 13 अप्रैल 2025: आकाश ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी।

  • अब: पार्टी में न केवल वापसी, बल्कि बड़ी जिम्मेदारी भी सौंप दी गई।

आकाश आनंद की वापसी और उन्हें प्रचार प्रमुख बनाना BSP के आगामी चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि मायावती ने अपने उत्तराधिकारी को लेकर फिर से भरोसा जताया है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, BSP नेतृत्व अब नए सिरे से अपने मूल जनाधार – दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों – को संगठित करने की कोशिश कर रहा है और आकाश आनंद की भूमिका इस मिशन में अहम हो सकती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button