
पटना, 31 जुलाई 2025: बिहार की राजधानी पटना में बुधवार की रात नगवां गांव (थाना जानीपुर) से एक हृदय विदारक और झकझोर देने वाली वारदात सामने आई है। घर में सो रहे दो मासूम बच्चों को कथित रूप से अज्ञात अपराधियों ने जिंदा जला दिया। मृत बच्चों की उम्र 10 और 12 वर्ष बताई जा रही है। इस घटना ने पूरे इलाके को दहशत और आक्रोश से भर दिया है।
सोते वक्त लगी आग, पलंग पर जले मिले बच्चों के शव
पीड़ित परिवार के अनुसार, घटना के वक्त दोनों बच्चे घर में सो रहे थे। माता-पिता नौकरी पर थे — पिता चुनाव आयोग में कार्यरत हैं और माता एम्स पटना में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में कार्यरत हैं।
परिजनों ने बताया कि जब वे घर पहुंचे तो दोनों बच्चों की जली हुई लाशें पलंग पर पड़ी मिलीं। तत्परता से पुलिस को सूचना दी गई।
घटना की जानकारी मिलते ही फुलवारी शरीफ SDPO दीपक कुमार, जानीपुर थानाध्यक्ष, और एफएसएल टीम मौके पर पहुंची। डॉग स्क्वायड और विशेष जांच दल भी घटनास्थल पर तैनात कर दिए गए हैं। बच्चों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।
परिजनों ने जताई साजिश की आशंका, ग्रामीणों ने बताया सुनियोजित हमला
पीड़ित परिवार और ग्रामीणों का आरोप है कि यह कोई सामान्य हादसा नहीं, बल्कि पूर्व नियोजित साजिश है। ग्रामीणों ने गांव के कुछ दबंगों पर जानबूझकर घर में आग लगाने का आरोप लगाया है।
परिजनों ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
SDPO ने कहा— सभी एंगल से हो रही जांच
फुलवारी शरीफ के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (SDPO) दीपक कुमार ने बताया,
“हमें सूचना मिली थी कि दो बच्चों की आग में जलने से मौत हुई है। मौके पर पहुंचकर हमने जांच शुरू कर दी है। परिजनों द्वारा कुछ लोगों पर आरोप लगाए गए हैं, हम हर पहलू पर गंभीरता से जांच कर रहे हैं।”
तेजस्वी यादव का सीधा हमला: ‘अब कोई सुरक्षित नहीं’
घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा:
“सत्ता संरक्षित अपराधियों ने पटना में एक नर्स के घर घुसकर उसके दो मासूम बेटों को जिंदा जला डाला। बिहार में अब घर, कार्यालय, अस्पताल—कहीं कोई सुरक्षित नहीं है।”
तेजस्वी ने इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रशासन से जवाब मांगा है और कहा कि अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि राजधानी तक सुरक्षित नहीं रही।
न्याय की मांग, प्रशासन पर सवाल
इस बर्बर घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी गंभीर बहस छेड़ दी है।
फिलहाल पुलिस जांच जारी है, लेकिन परिजन और ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। प्रदेश सरकार और पुलिस की अगली कार्रवाई पर सबकी निगाहें टिकी हैं।