
देहरादून, 28 मई 2025 : उत्तराखंड में वर्ष 2016 में हुए बहुचर्चित दलबदल प्रकरण को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने जांच तेज कर दी है। एजेंसी अब तत्कालीन दल बदलने वाले विधायकों और नेताओं से पूछताछ के मोड में आ गई है। इस मामले में कई नेताओं को समन भेजकर दिल्ली स्थित मुख्यालय में पेश होने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री और विधायक जांच के घेरे में
सूत्रों के अनुसार, जिन विधायकों को समन जारी किया गया है, उनमें से कुछ वर्तमान में धामी सरकार में मंत्री हैं, जबकि कुछ विधायक के रूप में सक्रिय हैं। एक बीजेपी विधायक से CBI पूछताछ भी कर चुकी है, जबकि अन्य को अलग-अलग तिथियों में पेश होने के लिए बुलाया गया है।
स्टिंग ऑपरेशन बना था मामला तूल पकड़ने की वजह
बता दें कि वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग वीडियो सामने आया था, जिसमें वे कथित तौर पर विधायकों को पार्टी में बनाए रखने के लिए “टॉप अप” ऑफर करते और मंत्री पद पर रहते हुए “आंखें बंद” करने की बात करते नजर आए थे। इस स्टिंग के सामने आने के बाद मामला राजनीतिक भूचाल में बदल गया और इसकी जांच CBI को सौंपी गई।
हरक सिंह रावत भी पूछताछ के दायरे में
मामले के प्रमुख शिकायतकर्ता पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को भी CBI ने 21 मई को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया था। हालांकि, उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से उस दिन पेश होने में असमर्थता जताई और अब जल्द ही दिल्ली जाकर बयान दर्ज करवाने की बात कही है।
हरक सिंह ने इस मामले में खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए थे और बाद में शिकायत वापस लेने की कोशिश भी की थी, लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका।
CBI की जांच की जद में अब तक ये नाम चर्चा में हैं:
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हरीश रावत (पूर्व मुख्यमंत्री)
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हरक सिंह रावत (पूर्व कैबिनेट मंत्री)
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उमेश कुमार (मौजूदा निर्दलीय विधायक)
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दल बदल करने वाले अन्य विधायक (जिनमें कुछ मौजूदा मंत्री भी शामिल)
CBI आने वाले दिनों में और नेताओं को पूछताछ के लिए समन भेज सकती है। इस बीच, राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है और यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।