नई दिल्ली: बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर एक निर्माणाधीन पुल रविवार को गिर गया. 2014 में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इस पुल का शिलान्यास किया था. पुल गिरने का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसके बाद लोग इस पुल के निर्माण कार्य को लेकर तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं. हालांकि बिहार में पुल ढहने की यह कोई पहली घटना नहीं है. ऐसे ही मामले पहले भी सामने आ चुके हैं. बावजूद इसके पुल गिरने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. उधर, पुल गिरने की घटना के बाद सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है. बीजेपी ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है.
बिहार में पुल गिरने के मामलों को बहुत वक्त नहीं हुआ है. महज छह महीने पहले दिसंबर 2022 में बेगूसराय में एक पुल उद्घाटन से पहले ही ढेर हो गया था. यह पुल गंडक नदी पर बनाया जा रहा था और इस पर कुल 14 करोड़ रुपये की लागत बताई जा रही थी. वहीं इसी साल मई में पूर्णिया में भी एक निर्माणाधीन बॉक्स ब्रिज गिर गया था. बायसी प्रखंड के चंद्रगामा पंचायत की यह घटना है. यह पुल एक 1 करोड़ 14 लाख की लागत से बन रहा था. इससे पहले यही पुल फरवरी महीने में गिर गया था. इस हादसे में दो मजदूर घायल हो गए थे.
भागलपुर में पुल गिरने की घटना बीजेपी ने एक बयान जारी करके कहा कि बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहा पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा है. इस पुल का गिरना सीएम नीतीश कुमार और उनकी सरकार के भ्रष्टाचार का प्रमाण लेकर सामने आया है. इसके साथ ही बीजेपी ने कहा कि पुल के गिरने से साफ है कि किस प्रकार का घटिया काम भ्रष्टाचार, चोरी और कमीशनखोरी के चलते किया गया है. साथ ही बीजेपी ने आरोप लगाया कि बिहार में इस तरह के निर्माण का काम कई जगह पर हो रहा है. साथ ही पार्टी ने मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की है. साथ ही बीजेपी ने सीएम नीतीश कुमार से पुल गिरने की जिम्मेदारी लेने की भी मांग की है.