
राजनीतिक दल चुनाव से पहले मुफ्त में सुविधाओं को देने का वादा करते रहते हैं अब ये आम बात है लेकिन इसको लेकर मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस प्रथा के खिलाफ तीन न्यायाधीशों की पीठ पूरी तरह से सुनवाई करेगी।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने उस याचिका को तीन न्यायाधीशों की पीठ के सामने सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जिसमें चुनाव प्रचार के दौरान मुफ्त में चीजें दिए जाने के वादे पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
अदालत ने कहा कि विवाद की प्रकृति और पहले की सुनवाई में पक्षों द्वारा दी गई दलीलों को देखते हुए मामले को जल्द से जल्द सूचीबद्ध किया जाए।