
नई दिल्ली, 10 अगस्त: तिरुवनंतपुरम से दिल्ली आ रहे एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-2455 को रविवार शाम एक अप्रत्याशित तकनीकी समस्या और प्रतिकूल मौसम के चलते चेन्नई में आपातकालीन रूप से उतारना पड़ा। विमान में कुल लगभग 100 यात्री सवार थे, जिनमें पांच सांसद भी शामिल थे। सभी यात्री पूरी तरह सुरक्षित हैं और एयरलाइन ने आगे की यात्रा के लिए वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था की है।
इन सांसदों की मौजूदगी ने बढ़ाई चर्चा
विमान में यात्रा कर रहे सांसदों में केसी वेणुगोपाल, कोडिक्कुनिल सुरेश, अडूर प्रकाश, के. राधाकृष्णन और रॉबर्ट ब्रूस के नाम शामिल हैं। ये सभी सांसद दिल्ली में होने वाले संसदीय सत्र में भाग लेने के लिए जा रहे थे। घटना के बाद सांसदों और अन्य यात्रियों को अस्थायी रूप से चेन्नई एयरपोर्ट पर ठहराया गया।
कैसे हुई घटना
एयर इंडिया के आधिकारिक बयान के अनुसार, उड़ान तिरुवनंतपुरम से नियत समय पर रवाना हुई थी, लेकिन उड़ान के बीच में पायलट ने “संदिग्ध तकनीकी खराबी” और “खराब मौसम की स्थिति” को देखते हुए सुरक्षा कारणों से रूट बदलने का निर्णय लिया। विमान को सुरक्षित रूप से चेन्नई एयरपोर्ट पर लैंड कराया गया, जहां तकनीकी टीम ने उसकी जांच की।
एयर इंडिया ने कहा—
“10 अगस्त को तिरुवनंतपुरम से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली फ्लाइट एआई-2455 के चालक दल ने संदिग्ध तकनीकी दिक्कत और प्रतिकूल मौसम की वजह से विमान को एहतियातन चेन्नई की ओर मोड़ दिया। सभी यात्री सुरक्षित हैं। यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
यात्रियों ने बताया— कुछ मिनटों के लिए थम गई सांसें
विमान में मौजूद एक यात्री ने बताया कि तकनीकी गड़बड़ी की घोषणा होते ही केबिन क्रू ने यात्रियों को शांत रहने की अपील की। “काफी देर तक मौसम खराब रहा और हवा के झोंके तेज थे। जैसे ही पायलट ने बताया कि हम चेन्नई में इमरजेंसी लैंडिंग करेंगे, सभी की सांसें थम-सी गईं। लैंडिंग के बाद हम सभी ने राहत की सांस ली।”
चेन्नई एयरपोर्ट पर तुरंत की गई व्यवस्था
चेन्नई एयरपोर्ट प्रशासन ने विमान के उतरते ही आवश्यक सुरक्षा और चिकित्सा इंतजाम कर दिए। तकनीकी इंजीनियरिंग टीम ने विमान की विस्तृत जांच शुरू कर दी, जबकि यात्रियों को एयरपोर्ट लाउंज में आराम करने की सुविधा दी गई। एयरलाइन ने सभी यात्रियों के लिए भोजन और पेय पदार्थ की व्यवस्था की और अगले चरण की यात्रा के लिए उन्हें दूसरी उड़ान से भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
सांसदों की प्रतिक्रिया
सांसद केसी वेणुगोपाल ने मीडिया से बातचीत में कहा—
“पायलट और चालक दल की सूझबूझ के कारण एक संभावित खतरे से हम सभी सुरक्षित बाहर आ सके। यह एयरलाइन की ओर से त्वरित और जिम्मेदार निर्णय था।”
अन्य सांसदों ने भी एयर इंडिया और चेन्नई एयरपोर्ट प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि आपात स्थिति में सभी ने प्रोफेशनल तरीके से काम किया।
तकनीकी खराबियों के मामले पहले भी सामने आए
यह पहली बार नहीं है जब एयर इंडिया या अन्य एयरलाइनों के विमानों को तकनीकी खराबी के कारण आपात लैंडिंग करनी पड़ी हो। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक वर्ष में कई उड़ानों को तकनीकी या मौसम संबंधी कारणों से वैकल्पिक हवाई अड्डों की ओर मोड़ना पड़ा है। हालांकि, ऐसे मामलों में पायलटों की तत्परता और प्रशिक्षण के कारण यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
DGCA की निगरानी में होगी जांच
एयर इंडिया ने बताया कि इस घटना की रिपोर्ट नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को सौंपी जाएगी। DGCA विमान की तकनीकी खराबी के कारणों की जांच करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया गया।
रविवार की यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि उड्डयन क्षेत्र में सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। एयर इंडिया के चालक दल की त्वरित कार्रवाई और चेन्नई एयरपोर्ट प्रशासन की तत्परता ने एक संभावित संकट को टाल दिया और 100 यात्रियों की जान सुरक्षित रही।