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भारत-पाक तनाव चरम पर: चार पाक एयरबेस पर हमला, भारत ने ड्रोन हमले किए नाकाम

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नई दिल्ली :भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव ने उपमहाद्वीप में अस्थिरता की आशंका को और बढ़ा दिया है। शुक्रवार देर रात से लेकर शनिवार सुबह तक घटनाक्रम बेहद तेज़ रहे। भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के चार प्रमुख एयरबेस—नूर खान (रावलपिंडी), मुरीद (चकवाल) और रफीकी (शोरकोट)—पर किए गए लक्षित हमलों के बाद पाकिस्तान ने शनिवार दोपहर 12 बजे तक अपना पूरा हवाई क्षेत्र बंद कर दिया।

ड्रोन से भारत में घुसपैठ की कोशिश नाकाम

रक्षा सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से भारत में 26 स्थानों पर ड्रोन के माध्यम से घुसपैठ की कोशिश की गई। जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात तक, नागरिक और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने वाले सशस्त्र ड्रोन देखे गए। भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने सतर्कता बरतते हुए अधिकतर ड्रोन को मार गिराया। हालांकि, पंजाब के फिरोजपुर में एक सशस्त्र ड्रोन हमले में एक नागरिक गंभीर रूप से घायल हुआ।

भारत की जवाबी कार्रवाई में पाक चौकियां ध्वस्त

भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की चौकियों और आतंकी लॉन्च पैड्स को नष्ट कर दिया। इन स्थलों से ट्यूब लॉन्च ड्रोन छोड़े जा रहे थे। जम्मू-कश्मीर के राजौरी में पाकिस्तानी गोलाबारी में अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त राज कुमार थापा की जान चली गई, जिससे भारत में आक्रोश और भी गहरा गया।

रावलपिंडी और अखनूर में धमाके, ब्लैकआउट

पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि भारतीय हमले में उनके वायुसेना के ठिकानों को नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन रावलपिंडी में हुए भारी धमाके और ब्लैकआउट ने उनके दावे को चुनौती दी है। इसी तरह जम्मू-कश्मीर के अखनूर और उधमपुर में भी देर रात धमाकों की आवाजें और सायरन सुनाई दिए।

APT36 के साइबर हमले और जासूसी गतिविधियाँ तेज़

सुरक्षा एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान आधारित साइबर जासूसी समूह APT36 भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों, राजनयिकों और महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत फिशिंग ईमेल, स्पाइवेयर और नकली ऐप्स के माध्यम से डेटा चोरी के प्रयास तेज़ हुए हैं।

जी7 और मीरवाइज की संयम की अपील

उपमहाद्वीप में युद्ध जैसे हालात को देखते हुए जी7 देशों और यूरोपीय संघ ने संयम बरतने की अपील की है। एक संयुक्त बयान में कहा गया कि सैन्य वृद्धि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है। वहीं, कश्मीरी धार्मिक नेता मीरवाइज उमर फारूक ने भी दोनों देशों से तुरंत तनाव घटाने और कश्मीरियों की पीड़ा पर ध्यान देने की अपील की।

भारत में सैन्य समर्थन के स्वर बुलंद

देशभर में भारतीय सशस्त्र बलों के समर्थन में जनभावनाएं तेज़ हैं। दिल्ली में कांग्रेस द्वारा ‘जय हिंद यात्रा’ निकाली गई, जिसमें शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया। कर्नाटक में मस्जिदों में शांति के लिए विशेष दुआ की गई। भाजपा विधायक शगुन परिहार और पूर्व राजदूत विद्या भूषण सोनी ने भी भारत की सटीक और संयमित प्रतिक्रिया की सराहना की।

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया टकराव ने एक बार फिर दिखा दिया है कि कूटनीतिक समाधान से इतर कोई भी सैन्य विकल्प पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर सकता है। जबकि भारत अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने में पूरी तरह सक्षम है, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका इस संकट को शांतिपूर्वक हल करने में अहम साबित हो सकती है।

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