
ब्रासीलिया। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों ब्राजील के दौरे पर हैं, जहां वह ब्रिक्स देशों के कृषि मंत्रियों की 15वीं बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अपने प्रवास के दौरान उन्होंने ब्राजील की कृषि तकनीकों, फसल उत्पादन, सिंचाई और मैकेनाइजेशन सिस्टम का गहराई से अवलोकन किया।
सोयाबीन संयंत्र और प्रोसेसिंग पर जोर
श्री चौहान ने ब्राजील के अत्याधुनिक सोयाबीन उत्पादन प्लांट का निरीक्षण करते हुए भारत में इस क्षेत्र में संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत अभी ब्राजील से सोया तेल आयात करता है, लेकिन भविष्य में भारत में ही सोया प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित की जा सकती हैं। इससे उत्पादन के साथ-साथ निर्यात में भी भारत की भूमिका बढ़ेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत और ब्राजील इस क्षेत्र में संयुक्त निवेश और सहयोग कर सकते हैं, जिससे दोनों देशों को लाभ होगा।
🤖 कृषि में पूर्ण मैकेनाइजेशन से प्रभावित
कृषि में ब्राजील की 100% मैकेनाइजेशन प्रणाली ने केंद्रीय मंत्री को खासा प्रभावित किया। उन्होंने बताया, “यहां तक कि कपास की फसल को हार्वेस्टर के माध्यम से सीधे उठाया जाता है। यहां के अनुसंधान कार्यों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के साथ जोड़ा जा सकता है, जिससे बेहतर बीज और नई तकनीकें विकसित की जा सकें।
टमाटर फार्म पर टपक सिंचाई तकनीक का अवलोकन
कृषि मंत्री ने ब्राजील के विशाल टमाटर फार्म का दौरा किया, जहां हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में उन्नत सिंचाई प्रणाली द्वारा खेती की जा रही है। उन्होंने बताया, “यहां यूरिया और अन्य पोषक तत्वों को पानी में घोलकर स्प्रिंकलर सिस्टम के जरिए पौधों को उतना ही पानी और पोषक तत्व दिया जाता है, जितनी जरूरत हो। यह एक पूर्णत: नियंत्रित और जल-संवेदनशील प्रणाली है।”
इसके साथ ही उन्होंने कॉर्न की खेती का भी निरीक्षण किया और बताया कि यहां प्रति हेक्टेयर 22 टन उत्पादन हो रहा है, जो आश्चर्यजनक है।
भारत-ब्राजील कृषि साझेदारी पर बल
चौहान ने बताया कि उन्होंने ब्राजील की कृषि व्यापार समुदाय को भारत आने का आमंत्रण भी दिया है ताकि दोनों देश व्यापार, टेक्नोलॉजी और फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में सहयोग बढ़ा सकें। उन्होंने कहा, “भारत सहयोग के लिए पूरी तरह तैयार है और मुझे पूरा भरोसा है कि दोनों देशों की साझेदारी वैश्विक कृषि को नई दिशा दे सकती है।”
वसुधैव कुटुंबकम’ के मंत्र पर आधारित सहयोग
अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “भारत ने पहले ही यह कह दिया है कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ – यानी पूरी दुनिया एक परिवार है। आज भारत ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर ली है और हम कई देशों को खाद्य पदार्थ निर्यात कर रहे हैं। ब्राजील और भारत मिलकर इस दिशा में दुनिया के लिए बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।”
उन्होंने रिसर्च, पर्यावरण संरक्षण, बीज विकास और फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने की बात कही।