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गृह मंत्री ने दिया लोकसभा में तीनों विधेयकों पर हुई बहस का जवाब, नए बिल से इतना बदल जाएगा कानून

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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीनों विधेयकों पर हुई बहस का जवाब देते हुए इसे 150 साल की गुलामी की मानसिकता से बाहर आने वाला बताया. सदन से पास होने के बाद भारतीय दंड संहिता यानी IPC की जगह भारतीय न्याय संहिता बिल 2023 लेगा, CRPAC की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 लेगा और एविडेंस एक्ट बदलकर भारतीय साक्ष्य विधेयक-2023 हो जाएगा. नए विधेयकों के पारित होने के साथ ही वर्तमान में चल रही दंड सहिताओं की धाराओं में भी बदलाव हो जाएगा. नए विधेयकों में कुछ धाराएं बढ़ाई गई हैं, कुछ हटी हैं तो कुछ को बदल दिया गया है. यानी कि अब तक अपराधों में जो धाराएं लगाई जाती थीं उनमें कई अहम बदलाव होंगे.

आसान भाषा में समझें तो मर्डर की जगह अब तक लगने वाली धारा 302 अब छिनैती के लिए प्रयोग की जाएगी. मर्डर पर धारा 101 लगेगी. इसी तरह रेप की धारा 376 की जगह अब धारा 70 ले लेगी. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में कुल 533 धाराएं होंगी, अब तक लागू सीआरपीसी में 478 धाराएं थीं. इसकी 160 धाराओं को बदला गया है. 9 धाराएं हटी हैं और इतनी ही नई धाराएं जोड़ी गई हैं. ठीक ऐसा ही भारतीय न्याय संहिता में भी हुआ है, हालांकि इसमें तकरीबन 155 धाराएं कम की गई हैं. न्याय संहिता में अब 356 धाराएं होंगी, जबकि अब तक IPC में 511 धाराएं थीं. खास बात ये है कि इसमें से 22 धाराएं निरस्त की गई हैं, जबकि 8 नई धाराओं को शामिल किया गया है. भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 3 धाराएं बढ़ी हैं. अब इसमें 170 धाराएं हैं, इनमें से 23 को बदला गया है, जबकि 5 पूरी तरह से हटा दी गई हैं.

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