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उत्तराखंड

खेल भूमि बनेगा उत्तराखंड: धामी सरकार की दोहरी सौगात—8 शहरों में 23 खेल अकादमी और हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय

देहरादून/हल्द्वानी:उत्तराखंड के युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने और राज्य को “खेल भूमि” के रूप में स्थापित करने की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक के बाद एक बड़े कदम उठा रहे हैं। अपने कार्यकाल के पांचवें वर्ष में सीएम धामी प्रदेश को दो बड़ी सौगातें देने जा रहे हैं—हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना और प्रदेश के आठ शहरों में 23 नई खेल अकादमियों की स्थापना।

यह दोनों योजनाएं न केवल खेल के बुनियादी ढांचे को मजबूती देंगी, बल्कि खिलाड़ियों को प्रशिक्षण और अवसरों का स्थायी प्लेटफॉर्म भी प्रदान करेंगी।

खेल विश्वविद्यालय: उत्तराखंड की खेल शिक्षा को नई दिशा

राज्य सरकार ने हल्द्वानी में प्रस्तावित खेल विश्वविद्यालय के लिए अधिसूचना जारी कर दी है और इसके शिलान्यास की तैयारी राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर की जा रही है। विश्वविद्यालय की स्थापना से उत्तराखंड देशभर में खेल शिक्षा और अनुसंधान का नया केंद्र बनकर उभरेगा।

23 खेल अकादमियां: हर खिलाड़ी को मिलेगा मंच

राष्ट्रीय खेलों के दौरान देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी समेत जिन आठ शहरों में खेल गतिविधियां संचालित हुई थीं, वहीं पर सरकार अब 23 खेल अकादमियां खोलने जा रही है। इससे दोहरा लाभ होगा —

  1. पहले से तैयार खेल ढांचे का प्रभावी उपयोग और रख-रखाव
  2. स्थानीय खिलाड़ियों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण की सुविधा

राष्ट्रीय खेलों से ऊंची छलांग: अब खिलाड़ी बना रहे पहचान

मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड ने 38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य और सफल आयोजन कर देशभर में अपनी खेल क्षमताओं का लोहा मनवाया। पिछले राष्ट्रीय खेलों में केवल 24 पदक जीतने वाला उत्तराखंड इस बार 100 से अधिक पदकों के साथ सातवें स्थान पर रहा।

इस आयोजन से न सिर्फ खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा, बल्कि राज्य को ऐसा आधारभूत ढांचा भी मिला, जो भविष्य की अनेक खेल प्रतियोगिताओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

नई खेल नीति: खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन और सम्मान का द्वार

साल 2021 में घोषित नई खेल नीति ने खिलाड़ियों के लिए नए अवसर खोल दिए हैं:

  • ओलंपिक पदक विजेताओं को 1–2 करोड़ रुपये तक का पुरस्कार
  • अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय पदक विजेताओं को सरकारी नौकरी
  • प्रोत्साहन राशि और छात्रवृत्ति में उल्लेखनीय वृद्धि
  • बड़ी स्पर्धाओं में भाग लेने मात्र से प्रोत्साहन राशि का प्रावधान, चाहे पदक मिले या नहीं

मुख्यमंत्री धामी ने कहा:

“उत्तराखंड को आज खेल भूमि के रूप में भी जाना जा रहा है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। खिलाड़ियों का मनोबल ऊंचा है, और वे लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। खेलों और खिलाड़ियों के विकास के लिए बड़े निर्णय लिए गए हैं और उन्हें धरातल पर उतारा जा रहा है।”

मुख्यमंत्री धामी की दूरदृष्टि और सक्रिय नेतृत्व ने उत्तराखंड को न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के साथ जोड़े रखा है, बल्कि अब यह राज्य खेलों की नई पहचान भी तेजी से हासिल कर रहा है। विश्वविद्यालय से लेकर अकादमियों तक और पदक से लेकर नीति तक — सब कुछ इस बात का प्रमाण है कि उत्तराखंड अब युवाओं के खेल भविष्य की प्रयोगशाला बनने को तैयार है।

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