
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को ननूरखेड़ा स्थित परेड ग्राउंड में आयोजित 63वें होमगार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा स्थापना दिवस कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रैतिक परेड का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने होमगार्ड्स और नागरिक सुरक्षा विभाग की स्मारिका 2025 और कैलेंडर 2026 का विमोचन किया, साथ ही सेवा प्रदत्त एवं दिवंगत होमगार्ड्स के आश्रितों को आर्थिक सहायता के चेक भी वितरित किए।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने होमगार्ड्स संगठन के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जिनका लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। सबसे महत्वपूर्ण घोषणा थी — होमगार्ड स्वयंसेवकों को वर्दी भत्ता अनुमन्य किए जाने की।
ड्यूटी और प्रशिक्षण भत्ते में महत्वपूर्ण वृद्धि
सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार होमगार्ड्स के कार्यों को सम्मान और पहचान देने के लिए निरंतर प्रयासरत है, इसी क्रम में उनके भत्तों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की जा रही है। नई घोषणाओं में शामिल हैं:
✔ अंतरजनपदीय ड्यूटी भत्ता बढ़ा
- होमगार्ड स्वयंसेवकों को अब 100 रुपये की जगह 150 रुपये प्रतिदिन भोजन भत्ता दिया जाएगा।
✔ नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण भत्ता तिगुना
- नागरिक सुरक्षा संगठन के स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण भत्ता 50 रुपये से बढ़ाकर 140 रुपये प्रतिदिन किया गया है।
सीएम धामी ने कहा कि यह भत्ते उन जवानों के कठिन परिश्रम, तपस्या और सेवा भावना का सम्मान हैं, जो वे विपरीत परिस्थितियों में भी निभाते हैं।
“जवानों का समर्पण अदम्य, परेड ने बढ़ाया गौरव” — सीएम धामी
रैतिक परेड के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने जवानों द्वारा प्रदर्शित अनुशासन, कौशल और पराक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा: “परेड में जवानों का समर्पण, साहस और राष्ट्रसेवा की भावना स्पष्ट दिखाई देती है। होमगार्ड्स किसी भी परिस्थिति में बिना विचलित हुए अपनी भूमिका निभाते हैं, चाहे प्राकृतिक आपदा हो, कानून-व्यवस्था की चुनौती हो या बड़े धार्मिक आयोजन।”
सीएम धामी ने कहा कि होमगार्ड्स राज्य की सुरक्षा प्रणाली का अहम हिस्सा हैं और सरकार उनके कल्याण तथा संगठन के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
होमगार्ड्स के हित में किए गए महत्वपूर्ण निर्णय
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य सरकार ने होमगार्ड्स संगठन के उत्थान और कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
✔ पहली बार 12 आकस्मिक अवकाश
राज्य में पहली बार होमगार्ड्स स्वयंसेवकों को 12 आकस्मिक अवकाश देने का निर्णय लिया गया है।
✔ महिला होमगार्ड्स के लिए प्रसूति अवकाश
महिला स्वयंसेवकों को प्रसूति अवकाश की सुविधा भी लागू कर दी गई है, जिसे एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
✔ ऊँचाई पर ड्यूटी करने वालों को प्रोत्साहन राशि
- पुलिस और एनडीआरएफ कर्मियों की तरह अब
9,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर ड्यूटी करने वाले होमगार्ड्स को 200 रुपये प्रतिदिन प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
✔ एसडीआरएफ के साथ प्रशिक्षित जवानों को अतिरिक्त राशि
- एसडीआरएफ के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले होमगार्ड्स को 100 रुपये प्रतिदिन प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
सीएम धामी ने कहा कि होमगार्ड्स जो कठिन परिस्थितियों में ड्यूटी करते हैं, उनके साहस और समर्पण को सरकार उचित सम्मान देती रहेगी।
कुंभ-कांवड़ यात्रा से लेकर चारधाम तक—हर मोर्चे पर होमगार्ड्स की सक्रिय भूमिका
मुख्यमंत्री ने जवानों की भूमिकाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि होमगार्ड्स केवल ट्रैफिक या कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं, बल्कि राज्य के हर बड़े आयोजन और संकट में अग्रिम पंक्ति के योद्धा साबित होते हैं।
- कुंभ और कांवड़ यात्रा जैसे विशाल धार्मिक आयोजनों को सुचारू रूप से संपन्न कराने में होमगार्ड्स की भूमिका अहम रहती है।
- चारधाम यात्रा के मार्गों पर और हरिद्वार में स्थापित होमगार्ड्स हेल्प डेस्क लाखों श्रद्धालुओं की सहायता में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
- प्राकृतिक आपदाओं — बादल फटने, भूस्खलन, सड़क हादसों और आपात स्थितियों में जवान तुरंत घटनास्थल पर पहुँचकर राहत व बचाव कार्य में जुट जाते हैं।
सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार इनके हौसलों को सलाम करती है और भविष्य में भी होमगार्ड्स के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।
क्रियाकलापों में जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में कई जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इनमें शामिल रहे:
- विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’, खजान दास, सविता कपूर
- देहरादून के मेयर सौरभ थपलियाल
- ऋषिकेश के मेयर शंभू पासवान
- वरिष्ठ अधिकारी: डीजीपी दीपम सेठ, डीजी होमगार्ड पी.वी.के. प्रसाद, सचिव शैलेश बगोली, और अन्य पदाधिकारी। इनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक औपचारिक और गरिमामय बना दिया।



