देशफीचर्ड

हंगामे की भेंट चढ़ा मॉनसून सत्र, लोकसभा-राज्यसभा की प्रोडक्टिविटी 40% से भी कम

15 बिल बिना चर्चा पारित या वापस, विपक्ष ने SIR मुद्दे पर किया जोरदार विरोध

नई दिल्ली: संसद का मॉनसून सत्र लगातार हंगामों और विपक्ष के तीखे विरोध की भेंट चढ़ गया। 20 दिनों तक इंडिया ब्लॉक से जुड़े विपक्षी दलों ने SIR के मुद्दे पर संसद के अंदर और बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इसकी वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई और कई अहम विधायी काम अधूरे रह गए।

राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश ने समापन भाषण में कहा कि, “कुल मिलाकर सदन केवल 41 घंटे 15 मिनट ही चल पाया। इस सत्र की उत्पादकता 38.88% रही, जो गंभीर आत्मचिंतन का विषय है।”

राज्यसभा में 15 बिल बिना विस्तृत चर्चा

सत्र के दौरान राज्यसभा में 15 बिल या तो बिना चर्चा के पारित हुए या सरकार ने उन्हें वापस ले लिया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह संसदीय परंपराओं और स्वस्थ लोकतांत्रिक विमर्श के खिलाफ है।

लोकसभा की स्थिति और खराब

लोकसभा में प्रोडक्टिविटी राज्यसभा से भी कम रही। लगातार नारेबाजी और विपक्षी दलों के वॉकआउट के कारण कई बार सदन की कार्यवाही आधे घंटे से भी कम समय में स्थगित करनी पड़ी।

‘जनहित के मुद्दे दबे रह गए’

उपसभापति हरिवंश ने अफसोस जताते हुए कहा कि “कोशिशों के बावजूद यह सत्र व्यवधानों की भेंट चढ़ा। इससे संसद का बहुमूल्य समय नष्ट हुआ और सार्वजनिक महत्व के कई मुद्दों पर चर्चा संभव नहीं हो सकी।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button