
बेंगलुरु – इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत पर चिन्नास्वामी स्टेडियम में जहां एक ओर भारी उत्साह के साथ जश्न मनाया जा रहा था, वहीं दूसरी ओर स्टेडियम के बाहर भगदड़ मचने से 11 लोगों की जान चली गई। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। घटना के बाद राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सार्वजनिक रूप से क्षोभ व्यक्त करते हुए माफी मांगी और राहत पैकेज की घोषणा की।
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मांगी माफी
डीके शिवकुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा –
“हमें इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। स्टेडियम की क्षमता 35,000 है, लेकिन अनुमानित तीन लाख लोग वहां पहुंचे। भगदड़ के हालात बन गए और गेट तक तोड़ दिए गए।”
उन्होंने कहा कि इस अप्रत्याशित घटना के लिए सरकार माफी मांगती है और भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए बेहतर प्रबंधन किया जाएगा। उन्होंने विपक्षी पार्टी भाजपा पर भी इस मामले का “राजनीतिकरण” करने का आरोप लगाया।
सोशल मीडिया पर नाराजगी तब और बढ़ गई जब RCB टीम और विराट कोहली की ओर से कई घंटों बाद एक औपचारिक शोक-संदेश पोस्ट किया गया। कई लोगों ने इसे “संवेदनहीन” करार दिया कि जब बाहर लोग जान गंवा रहे थे, अंदर स्टेडियम में जश्न चल रहा था।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा और सभी घायलों का इलाज मुफ्त कराया जाएगा। उन्होंने कहा –
“यह एक गंभीर त्रासदी है, जिसने उत्सव को शोक में बदल दिया है। हम हर पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं।”
राज्य सरकार ने इस दुखद घटना के चलते विश्व पर्यावरण दिवस समेत सभी आगामी सरकारी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है। केवल कैबिनेट बैठक आयोजित की जाएगी।
RCB की हालिया जीत के बाद आयोजित जश्न कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रशंसकों ने भाग लिया था। आयोजकों द्वारा भीड़ नियंत्रण की पुख्ता व्यवस्था न होने के कारण स्टेडियम के बाहर भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। हादसा चिन्नास्वामी स्टेडियम के गेट नंबर-5 के पास हुआ, जहां कई लोग कुचलने से मारे गए।
सवाल खड़े होते हैं
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क्या आयोजकों ने सुरक्षा प्रबंधों में लापरवाही की?
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क्या इतनी बड़ी भीड़ की अनुमति दी गई थी?
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क्या इस हादसे के लिए कोई जिम्मेदार ठहराया जाएगा?
अब यह देखना बाकी है कि कर्नाटक सरकार इस घटना से क्या सबक लेती है और भविष्य में ऐसे आयोजनों को सुरक्षित बनाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।