केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नवाचार को बढ़ावा देने और सार्वजनिक सेवाओं में ड्रोन के उपयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से आज नीति आयोग में ड्रोन पर एक एक्सपीरियंस स्टूडियो का शुभारंभ किया। इस उद्घाटन समारोह में नीति आयोग की उपाध्यक्ष सुमन बेरी और सीईओ अमिताभ कांत भी मौजूद थे।
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, ‘हमारे पास भारत को 2030 तक वैश्विक ड्रोन केंद्र बनाने की क्षमता है। इस प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए विभिन्न औद्योगिक और रक्षा संबंधित क्षेत्रों में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देना हमारे लिए अनिवार्य है जैसा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस पर जोर दिया है। हम ड्रोन सेवाओं को आसानी से सुलभ बनाने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। भारत में जल्द ही ड्रोन नवाचार को अपनाने वाले उद्योगों की एक बड़ी संख्या उभरकर सामने आएगी। यह अंततः एक ऐसी क्रांति होगी जो प्रत्येक नागरिक के जीवन तक पहुंचकर प्रधानमंत्री के आत्म-निर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करेगी।’
सिंधिया ने यह भी कहा कि, ‘ड्रोन उद्योग के हितधारकों और भारत सरकार की सक्रिय भागीदारी के साथ ड्रोन उद्योग तेजी से विकास के पथ पर चल रहा है। सरकार ड्रोन नियमों को आसान बनाकर और ड्रोन शक्ति तथा किसान ड्रोन जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से ड्रोन साक्षरता के जरिए ड्रोन अपनाने की इस तेज निरंतरता को बनाए रखने में सक्षम होगी। मैं नीति आयोग की महीने भर चलने वाले इस तरह के रोमांचक ड्रोन कार्यक्रम की मेजबानी करने, ज्ञान-साझाकरण और विचारों के आदान-प्रदान को संभव करने और ड्रोन परितंत्र में इस तरह नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रशंसा करना चाहता हूं। नीति आयोग में अत्याधुनिक एक्सपीरियंस स्टूडियो, प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता का प्रतीक है और मुझे यकीन है कि इस दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए यह जिज्ञासु दिमागों को प्रेरित करेगा।’
नीति आयोग की उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि, ‘ड्रोन की पहुंच, बहुमुखी विलक्षणता और विशेष रूप से भारत के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में इसके उपयोग में आसानी के कारण रोजगार और आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण निर्माता के रूप में इसके उभरने की उम्मीद है। आज लॉन्च किया गया नीति एक्सपीरियंस स्टूडियो सार्वजनिक और निजी हितधारकों के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी के विभिन्न अनुप्रयोगों को बढ़ावा देने में मदद करेगा। इसके साथ ही यह हितधारकों को अपने संगठनों के भीतर ड्रोन तकनीक को अपनाने में मदद करेगा और इस तरह भारत में एक मजबूत ड्रोन उद्योग के निर्माण में सहायता करेगा।’
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि, ‘एक्सपीरियंस स्टूडियो के माध्यम से, स्टार्ट-अप और उद्यम अपने नवाचारों और अगली पीढ़ी के प्रौद्योगिकी-सक्षम समाधानों का प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे। यह विभिन्न सरकारी विभागों को इन तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव करने और यह सोचने की अनुमति देगा कि सार्वजनिक सेवाओं में जमीनी स्तर पर इनका उपयोग कैसे किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, एक्सपीरियंस स्टूडियो अवधारणा के प्रमाणों (प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट्स) और पायलटों के लिए एक सहारे के रूप में भी काम करेगा, जिसका उद्देश्य उन मुद्दों को हल करना है जो सेवाएं प्रदान करने में बाधक बने रहते हैं। एक्सपीरियंस स्टूडियो के माध्यम से छोटे केंद्रित समूह बनाए जाएंगे, जो अंततः इन समाधानों को मुख्य धारा में लाने में मदद करेंगे, जब वे तैयार हो जाएंगे।’
केंद्रीय मंत्री ने निम्नलिखित चुनौतियों के शुभारंभ की भी घोषणा की, जिन्हें नीति आयोग नागर विमानन मंत्रालय (एमओसीए) के सहयोग से आयोजित करेगा:
(ए) ‘सामाजिक प्रभाव प्रतियोगिता के लिए ड्रोन’: स्टार्ट-अप समुदाय के लिए विभिन्न उपयोग मामलों में महत्वपूर्ण समस्याओं को हल करने के लिए अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन।
(बी) ‘रोबोटिक्स कार्यशाला और प्रतियोगिता’: अटल टिंकरिंग लैब के छात्रों में नवाचार और समस्या-समाधान की भावना को बढ़ावा देना।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने आश्वासन दिया कि नागर विमानन मंत्रालय इन प्रतियोगिताओं के साथ-साथ परितंत्र को विकसित करने में मदद करने के लिए इस महीने के दौरान अन्य कार्यक्रमों के आयोजन के लिए जरूरी सभी सहायता प्रदान करेगा।
एक्सपीरियंस स्टूडियो के शुभारंभ के बाद उद्योग के प्रमुख हितधारकों के साथ बातचीत भी हुई।
संवाद सत्र के दौरान ड्रोन क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में कई सिफारिशें की गईं। इसमें जिन क्षेत्रों पर चर्चा की गई उनमें विनिर्माण और सेवा के रूप में ड्रोन को बढ़ावा देना, नवाचार को प्रोत्साहन प्रदान करना, इसे अपनाने वाले के रूप में सरकार और इस क्षेत्र के लिए अगले बड़े कदम शामिल थे।
सितंबर 2021 में, नीति आयोग ने आमेजन वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस) और इंटेल के सहयोग से, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल), इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (आईवोटी), संवर्धित वास्तविकता और आभासी वास्तविकता (एआर/वीआर), ब्लॉकचैन, रोबोटिक्स आदि जैसी अग्रणी तकनीकों की क्षमता को प्रदर्शित करने में मदद करने के लिए क्लाउड नवाचार केंद्र की स्थापना की। इस तरह का स्टूडियो सार्वजनिक क्षेत्र में उपयोग के मामलों में अग्रणी प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग में तेजी लाने में मदद करेगा।
इस पहल का प्रभावी ढंग से लाभ उठाने के लिए नीति आयोग ने एक ‘मासिक इनोवेशन क्रॉनिकल’ कार्यक्रम तैयार किया है जो नवाचार को प्रदर्शित करने के लिए एक विशेष विषयगत क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें प्रौद्योगिकी के नेतृत्व की क्षमता और बड़े सामाजिक प्रभाव के लिए सरकार-उद्योग सहयोग की आवश्यकता होगी। इस कार्यक्रम के प्रमुख सिद्धांत उद्योग और नवप्रवर्तनकर्ताओं (उद्यमों और स्टार्टअप्स), शिक्षा और अनुसंधान, सरकार और संबद्ध संस्थानों, अटल इनोवेशन मिशन नेटवर्क (विशेष रूप से अटल टिंकरिंग लैब्स), राज्य और उप-राज्य नवाचार परिषदों/इकाइयों, नीति आयोग से जुड़े बाहरी भागीदार, गैर-लाभकारी, दानदाता और बहु-पक्षीय एजेंसियां, और उद्योग एजेंसियां, निकाय और वित्त पोषण संगठन जैसे परितंत्र भागीदारों के लिए संचार, सहयोग और प्रतिस्पर्धा हैं।
मई के महीने के लिए विषयगत क्षेत्र के रूप में ड्रोन को चुना गया है, जिसका आयोजन नीति आयोग द्वारा विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) के सहयोग से किया जा रहा है। महीने के दौरान, प्रासंगिक कार्यक्रम और लघु वीडियो, पैनल चर्चा आदि जैसे सामग्री को https://cic.niti.gov.in पर उपलब्ध कराया जाएगा।
कार्यक्रम के आयोजन के दौरान, ‘सामाजिक प्रभाव के लिए ड्रोन’ के उपयोग मामलों की पहचान करने के लिए एक स्टार्ट-अप प्रतियोगिता शुरू की गई। प्रतियोगिता के तहत, प्रकृति संरक्षण, सामाजिक सुरक्षा, दूरस्थ स्थानों तक पहुंच, ग्रामीण इलाकों तक पहुंच, आपदा प्रतिक्रिया आदि के क्षेत्रों में उपयोग के मामलों पर भारतीय स्टार्ट-अप द्वारा किए गए परियोजनाओं के केस स्टडीज को आमंत्रित किया जाता है।
इसके साथ ही अटल टिंकरिंग लैब के छात्रों के लिए एक प्रतियोगिता की घोषणा की गई जिसमें कक्षा 6 से 10 के छात्र भाग ले सकते हैं। इस प्रतियोगिता का आयोजन नीति आयोग द्वारा अटल नवाचार मिशन और राफे एमफिबर के सहयोग से किया जा रहा है।