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लालू परिवार पर ‘लैंड फॉर जॉब्स’ केस का शिकंजा और कसा, स्पेशल कोर्ट ने ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर लिया संज्ञान

नई दिल्ली। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की कानूनी मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली की राऊज एवेन्यू स्थित स्पेशल कोर्ट ने 20 सितंबर 2025 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए नए आरोपियों को पेश होने के लिए समन जारी कर दिया। अदालत के इस ताज़ा आदेश ने लालू परिवार की चिंताओं को और गहरा कर दिया है।


छह नई ज़मीनों का खुलासा

ईडी ने यह दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट 28 मार्च 2025 को दाखिल की थी। इसमें बड़ा खुलासा हुआ कि लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार ने घूस के तौर पर छह नई ज़मीनें लीं।

  • ये ज़मीनें बिहार के गोपालगंज और अन्य इलाकों में स्थित थीं।
  • आरोप है कि इन्हें लालू यादव के बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के नाम पर ट्रांसफर कराया गया।
  • बदले में संबंधित ज़मीन मालिकों या उनके परिजनों को भारतीय रेलवे में नौकरी दी गई।

जांच की शुरुआत और सीबीआई की भूमिका

यह मामला मूल रूप से सीबीआई की एफआईआर से शुरू हुआ था।

  • सीबीआई ने आरोप लगाया कि 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी दिलाने के नाम पर ज़मीनें लीं
  • सीबीआई इस केस में अब तक तीन चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
  • इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू को देखते हुए अपनी जांच शुरू की।

ईडी की अब तक की कार्रवाई

ईडी ने इस मामले में कई चरणों में चार्जशीट दाखिल की:

  1. 8 जनवरी 2024 – पहली चार्जशीट दाखिल हुई, जिसमें लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव, और उनकी कंपनियां ए.के. इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेडए.बी. एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल थीं।
  2. 6 अगस्त 2024 – दूसरी कार्रवाई में ईडी ने लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव को सीधे तौर पर आरोपित किया।
  3. 28 मार्च 2025 – दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में छह नई ज़मीनों और कई नए नामों का खुलासा हुआ।

राष्ट्रपति की मंजूरी और ट्रायल का रास्ता

इस केस में एक अहम मोड़ तब आया जब राष्ट्रपति ने 2 मई 2025 को लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी

  • इसके बाद ईडी ने चार्जशीट को ट्रायल कोर्ट में दाखिल किया।
  • दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर भी राष्ट्रपति ने 18 अगस्त 2025 को सैंक्शन दिया और ईडी ने इसे 25 अगस्त 2025 को अदालत में पेश किया।
  • अब स्पेशल कोर्ट ने नए आरोपियों को समन जारी कर ट्रायल प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का संकेत दिया है।

लालू परिवार के लिए बढ़ती चुनौतियाँ

अदालत का यह आदेश स्पष्ट करता है कि “लैंड फॉर जॉब्स घोटाला” अब निर्णायक मुकाम की ओर बढ़ रहा है।

  • ईडी और सीबीआई दोनों एजेंसियों की जांच रिपोर्टों से परिवार की कानूनी परेशानियां बढ़ती दिख रही हैं।
  • तेजस्वी यादव, जो वर्तमान में बिहार की राजनीति में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं, उनके लिए भी यह मामला राजनीतिक दबाव का कारण बन सकता है।
  • वहीं लालू प्रसाद यादव और उनकी पार्टी आरजेडी लगातार इस मामले को राजनीतिक साजिश बताते आए हैं।

अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि नए समन के बाद अदालत की अगली सुनवाई में कौन-कौन आरोपी पेश होते हैं और ईडी अपनी जांच में और क्या-क्या सबूत सामने लाती है।
इस बीच, बिहार की राजनीति में भी यह मामला बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है, क्योंकि विपक्ष इसे लगातार भ्रष्टाचार के प्रतीक के रूप में जनता के बीच उठाता रहा है.

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