भारतीय रेलवे के दक्षिण मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले विजयवाड़ा मंडल की जनसंपर्क अधिकारी नुसरत मद्रुपकर के मुताबिक घटना 7 जुलाई को तब घटी जब हावड़ा सुरफास्ट एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12864) राजमुंदरी और सामलकोट स्टेशन के बीच थी। उन्होंने कहा, ‘‘संभवतः दरवाजे के हैंडल के जोड़ घिस गए थे जिसकी वजह से यह उस समय टूट गया जब ट्रेन प्रबंधक वाई दुर्गा प्रसाद दूसरी ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के लिए दरवाजे से बाहर झुके थे। सुरक्षा मानदंड के तहत ट्रेन प्रबंधक को दूसरी ट्रेन को यह बताने के लिए हरी झंडी दिखानी होती है कि पीछे के मार्ग पर सब कुछ ठीक है।’’
नुसरत ने बताया कि हावड़ा सुपरफास्ट ट्रेन के चालक दल को सामलकोट स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचने के बाद अहसास हुआ कि गार्ड नहीं है और दूसरी ट्रेन के अधिकारियों ने भी शिकायत की कि गार्ड ने उन्हें ‘सबकुछ ठीक होने’ का संकेत करने के लिए हरी झंडी नहीं दिखाई। जनसंपर्क अधिकारी ने बताया, ‘‘ प्रसाद ने वॉकी-टॉकी पर दिए गए संदेश का भी जवाब नहीं दिया जिसके बाद तलाश अभियान शुरू किया गया और उन्हें रेल पटरी पर बेहोशी की हालत में पाया गया।’’ रेलवे ने बताया कि गार्ड को तत्काल अस्पताल ले जाया गया और इस समय वह जीवनरक्षक प्रणाली (वेंटिलेटर) पर हैं। (भाषा इनपुट्स के साथ)