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सीएम धामी ने किया भारत-नेपाल सीमा मार्ग का निरीक्षण, 250 करोड़ की परियोजना 2027 तक होगी पूरी

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बनबसा/चंपावत। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र स्थित बनबसा में निर्माणाधीन फोरलेन मार्ग का निरीक्षण किया। यह मार्ग नेपाल में प्रस्तावित ड्रायपोर्ट (नेपाली सूखा बंदरगाह) तक व्यापारिक और सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद अधिकारियों से निर्माण कार्य की प्रगति, गुणवत्ता और समयसीमा को लेकर विस्तृत जानकारी ली और समयबद्ध व पारदर्शी निर्माण के निर्देश दिए।

यह परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा क्रियान्वित की जा रही है। बनबसा से नेपाल सीमा तक कुल 3.06 किलोमीटर लंबे इस फोरलेन मार्ग के लिए 7.28 हेक्टेयर भूमि NHAI को विधिवत हस्तांतरित की जा चुकी है।

शुरुआत में इस परियोजना के लिए 177 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था, लेकिन भौगोलिक और तकनीकी जटिलताओं के चलते अब इसमें लगभग 80 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत संभावित है। इसके साथ कुल परियोजना लागत 250 करोड़ रुपये तक पहुँचने की संभावना है।

2023 में शुरू, अब 2027 तक पूर्ण होने की समयसीमा

इस फोरलेन मार्ग का निर्माण मार्च 2023 में प्रारंभ हुआ था और पहले इसे 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित था। हालांकि, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं और तकनीकी बाधाओं के चलते अब निर्माण कार्य 2027 तक पूरा करने की योजना है।

इस सड़क में एक फ्लाईओवर, एक बड़ा पुल और दो छोटे पुलों का निर्माण भी प्रस्तावित है, जिससे यह मार्ग आने वाले समय में एक आधुनिक, सुरक्षित और उच्च क्षमता वाला अंतरराष्ट्रीय संपर्क मार्ग बन सकेगा।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि,

“यह मार्ग भारत-नेपाल के बीच सीमावर्ती व्यापार और आवागमन को गति देने वाला एक अहम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है। इससे स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा। निर्माण कार्य में गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए।”

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