
मणिपुर: मई से जारी जातीय हिंसा में करीब 120 लोगों की मौत हो चुकी है. और लगभग 3000 लोग घायल हैं. हालात पर काबू पाने के लिए मणिपुर में इस समय मुख्यमंत्री के कहने के बाद 3 मई से लेकर अभी तक भारतीय सेना और असम राइफ़ल की कुल मिलाकर 123 टुकड़ियां मौजूद हैं. लेकिन आर्म्ड फोर्स स्पेशल पॉवर एक्ट AFSPA ना होने की वजह से मैक्सिमम रेस्ट्रेंट के साथ सेना मणिपुर में लॉ एंड ऑर्डर सम्भाल रही हैं लेकिन कोई एक्शन नहीं ले सकतीं.
ऐसा इसलिए क्योंकि चाहे घर जले या लूट हो, उनको केवल क़ानून व्यवस्था बनाये रखने के जिम्मा है. अगर सेना कोई एक्शन लेती है तो मजिस्ट्रेट की मौजूदगी जरूरी है, लेकिन इस समय के हालात में मजिस्ट्रेट मिलना मुश्किल हैं. 63 टुकड़ियां जो अभी मणिपुर की वैली में तैनात हैं, उनके लिये मजिस्ट्रेट की मौजूदगी संभव नहीं है. हालत ऐसे हैं कि पिछले 2 महीने से चाइना बॉर्डर वाली रिज़र्व फ़ोर्स को भी मणिपुर में तैनात किया गया है. वहीं दूसरी तरफ़ आर्मी और असम राइफ़ल के ऑपरेशन में लोकल हथियार से लैस लोग और मीराबाइपी मुसीबत बन रहे हैं. रोड ब्लॉक हैं और अपने रोड पर बंकर बना रखा हैं. जगह-जगह आर्मी मूवमेंट को रोका जा रहा है.